पटना. बिहार में गुरुवार का दिन हाई वोल्टेज राजनीति का गवाह बनने वाला है. पूरी रात जो माहौल बना है उसके हिसाब से नीतीश कुमार और सुशील मोदी जब सुबह 10 बजे नई सरकार के सीएम और डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ले रहे होंगे तो बाहर नीतीश के पुराने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव संविधान की हत्या की दुहाई दे रहे होंगे.
बीजेपी नेता सुशील मोदी के साथ 132 विधायकों के समर्थन का दावा लेकर आधी रात राजभवन पहुंचे नीतीश कुमार को राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण के लिए बुलाया है. चर्चा है कि गुरुवार को सिर्फ नीतीश कुमार और सुशील मोदी ही शपथ लेंगे. मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा.
नीतीश को सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद से ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भड़के हुए हैं क्योंकि उनका मानना है कि राज्यपाल को सबसे पहले सरकार बनाने का न्योता राष्ट्रीय जनता दल को देना चाहिए था जो विधानसभा में 80 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. नीतीश की पार्टी जेडीयू के पास 71 विधायक ही हैं.
लेकिन राज्यपाल ने 71 विधायकों वाली पार्टी के नेता नीतीश कुमार को सरकार बनाने का न्योता इसलिए दे दिया है क्योंकि वो 132 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी लेकर आधी रात राजभवन गए थे. सीधा अंकगणित भी है कि जेडीयू के 71 और बीजेपी के 53 विधायक मिलकर 124 हो जाते हैं जो विधानसभा में बहुमत के आंकड़ा 122 से ऊपर है.
बीजेपी की सहयोगी पार्टी लोजपा और रालोसपा के पास 2-2 विधायक हैं जबकि जीतनराम मांझी अपनी पार्टी हम के इकलौते सांसद हैं. इनको मिला दें तो समर्थकों की संख्या 129 पर पहुंच जाती है. सुशील मोदी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कुल 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया है.
ऐसे में राज्यपाल ने सामान्य अंकगणित का सहारा लेकर नीतीश कुमार के दावे पर भरोसा किया और उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया है. तेजस्वी का दावा है कि जेडीयू के ज्यादातर विधायक उनके संपर्क में हैं क्योंकि ये सब लोग बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े और जीते थे.
तेजस्वी यादव ने ये भी दावा किया कि बीजेपी के खिलाफ लड़कर जीते जेडीयू विधायकों का समर्थन आरजेडी को मिलने वाला है जिनको नीतीश कुमार ने इसी डर से सीएम आवास पर बंद कर रखा है कि वो बाहर आए तो नीतीश का खेल खराब हो जाएगा.
तेजस्वी आधी रात 2 बजे राजभवन गए और राज्यपाल से मिले भी लेकिन राज्यपाल ने सरकार बनाने का मौका देने की उनकी मांग पूरी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद बाहर निकले तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर दर्ज मर्डर केस का मामला उठाया और कहा कि वो इस सवाल को लेकर जनता के बीच जाएंगे.
तेजस्वी ने कहा कि कुछ ही घंटों में महागठबंधन सरकार के सीएम के रूप में इस्तीफा और फिर एनडीए सरकार के लिए सीएम का न्योता लाने से ये साफ हो चुका है कि बीजेपी के साथ मिलकर वो बहाना तलाश रहे थे. तेजस्वी ने कहा, “तेजस्वी तो बहाना था, नीतीश को बीजेपी के पास जाना था.”
तेजस्वी ने सबसे बड़ी पार्टी यानी आरजेडी को सरकार बनाने का मौका नहीं देने को संविधान और लोकतंत्र की हत्या बताते हुए ऐलान किया है कि वो सुबह फिर से राजभवन आएंगे और इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे. तेजस्वी ने कहा है कि वो जनता के बीच जाएंगे क्योंकि राज्य की 12 करोड़ जनता उनके साथ है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता ने बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया था लेकिन नीतीश कुमार ने जनादेश का अपमान करके और जनता को धोखा देकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का विश्वासघात किया है.