पटना. जब देश-दुनिया के लोग सो रहे थे तब बिहार में आधी रात नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने भी आधी रात सरकार बनाने का न्योता दिया जिसे आरजेडी ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है.
आपके सोने के वक्त तक का राजनीतिक घटनाक्रम ये था कि शाम में नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायक दल की पटना में हुई बैठक ने पार्टी नेतृत्व पर फैसला टाल दिया था.
पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली में संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद बिहार के तीन नेताओं की एक कमिटी बना दी थी जिसकी सिफारिश पर आगे का फैसला होना था.
आप उसके बाद सोने चले गए. इसी बीच बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को समर्थन का ऐलान कर दिया और फिर बीजेपी विधायकों के साथ नीतीश से मिलने मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गए. बाहर आई तस्वीर जिसमें नीतीश और मोदी लंबे अर्से बाद अगल-बगल बैठे मुस्कुराते-खिलखिलाते नजर आए.
इसके बाद आधी रात को नीतीश कुमार और सुशील मोदी 132 विधायकों के समर्थन के दावा के साथ राजभवन पहुंचे. राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के साथ करीब एक घंटे तक इन नेताओं की बैठक चली और जब ये लोग बाहर निकले तो नीतीश कुमार कार में बंद सीएम आवास निकल गए.
उनके पीछे निकले सुशील मोदी रुके और राजभवन के बाहर मीडिया के कैमरों के सामने आए. कैमरे की भीड़ और शोर के बीच सुशील मोदी ने कुछ देर इंतजार किया और जब उनको लगा कि कुछ कहने के बाद भी कोई बात लोगों तक नहीं जाएगी तो वो वापस अपनी कार में बैठ गए.
थोड़ी देर बाद समाचार एजेंसी एएनआई से सुशील मोदी का बयान सामने आया कि उन लोगों ने 132 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है जिसके बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार को शपथ लेने के लिए सुबह 10 बजे का न्योता दिया है.
सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण की औपचारिक खबर जैसे ही बाहर आई आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीटर पर लिखा कि जब राज्यपाल ने उनको मिलने के लिए सुबह 11 बजे बुला रखा था तो शाम 5 बजे के बदले सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण कराने की हड़बड़ी क्यों हो रही है.
तेजस्वी ने आधी रात सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए नीतीश कुमार पर भी सवाल उठाए और कहा कि नीतीश ने जेडीयू विधायकों को सीएम आवास पर कैद कर लिया है जिसमें कई उनके संपर्क में थे और आरजेडी की सरकार का समर्थन करने वाले थे.
फिर तेजस्वी ने ट्वीट किया कि वो भी आधी रात में ही राजभवन जा रहे हैं और सरकार बनाने का मौका नहीं मिला तो वहीं धरना देंगे. तेजस्वी अपने भाई तेज प्रताप और पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ पैदल ही राजभवन पहुंचे.
राज्यपाल ने रात करीब 2 बजे तेजस्वी समेत पांच नेताओं को बातचीत के लिए अंदर बुलाया. तेजस्वी अंदर गए और करीब आधे घंटे बाद जब बाहर आए तो उनके बयान से ये साफ हो गया था कि नीतीश को मिला न्योता राज्यपाल ना तो वापस ले रहे हैं और ना ही तेजस्वी के दावे को गंभीरता से ले रहे हैं.
इसके बाद तेजस्वी ने मीडिया के कैमरों का रुख किया और कहा कि अब तो वो मीडिया वालों के साथ ज्यादा समय दे पाएंगे क्योंकि पहले नीतीश कुमार की रिव्यू मीटिंग में 8-8 घंटे तक बिजी रहा करते थे. ये एक बयान ये बताने के लिए काफी था कि तेजस्वी मान चुके हैं कि उनका आने वाला समय सड़क पर बीतेगा और सत्ता उनसे दूर हो चुकी है.
तेजस्वी ने इसके बाद नीतीश कुमार पर दर्ज मर्डर केस समेत तमाम तरह के मसले उठाए और ये कहा कि नीतीश कुमार को जनता को बताना चाहिए कि अगर एफआईआर दर्ज होने पर तेजस्वी से इस्तीफा मांगा जा सकता है तो उनको पद पर क्यों बने रहना चाहिए.
तेजस्वी ने मीडिया वालों के साथ बयान देकर कुछ समय बिताया और फिर उसके बाद उनका काफिला राजभवन से लौट गया. आसार ये हैं कि गुरुवार की सुबह जब राजभवन में नीतीश कुमार शपथ ले रहे होंगे तो बाहर तेजस्वी यादव अपनी पार्टी के नेताओं के साथ लोकतंत्र और संविधान की हत्या की दुहाई दे रहे होंगे.