पटना: नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वह धारा 302 के आरोपी है, उनके खिलाफ मर्डर का केस चल रहा है. बाढ़ कोर्ट ने इस मामले में सज्ञान लिया है. हमारे जीरो टोलरेंस वाले भाई पर ये केस चल रहा है. ये नीतीश बाबू की कैसी ईमानदारी चल रही है. लालू ने कहा कि नीतीश ने एमएलसी के चुनाव में चुनाव आयोग को जो शपथ दी है उसमें भी उन्होंने मुकदमे की जानकारी दी है. मैंने रात को भी नीतीश जी से बात की थी कि अगर कोई गलतफहमी है तो मिल के हम बात कर सकते हैं. मैंने नीतीश जी 40 मिनट तक बात की लेकिन तब उन्होंने कोई इस्तीफा नहीं मांगा था. उन्होंने यह कहा था कि प्रेस के माध्यम से आरोपों पर जवाब दे दीजिए. लालू ने कहा कि जब हमारा कोई कसूर नहीं है तो हम इस्तीफा क्यों देंगे. नीतीश कुमार खुद धारा 302 के केस में आरोपी हैं. नीतीश कुमार ने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन BJP से हाथ नहीं मिलाएंगे. नीतीश को यह मालूम हो गया था कि वह बचने वाले नहीं हैं इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. ये बीजेपी और आरएसएस से मिले हुए हैं. पीएम मोदी ने तुरंत ट्वीट कर नीतीश को बधाई दी और नीतीश से जब सरकार बनाने के बारे में पूछा तो उन्होंने न नहीं कहा.
क्या कहा नीतीश ने ?
नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बाचतीत के दौरान कहा कि हमने तेजस्वी से कभी इस्तीफा नहीं मांगा, बल्कि हमने सिर्फ तेजस्वी और लालू यादव को आरोपों पर जवाब देने को कहा था. नीतीश कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार पर हमारा रूख साफ है. इस पर मैं अनपा रूख नहीं बदल सकता. हमने अपने अंतर्रात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया है. हमें ऐसा लगता है कि हमारी सोच अलग है. इसलिए हम अब आगे नहीं रह सकते. नीतीश कुमार ने कहा कि अब तक हमारे काम करने का जो तरीका रहा है उसके आधार पर हमने अपने आप को सरकार से अलग कर लिया है. मेरे लिए ये फैसला लेना काफी कठिन था. उन्होंने कहा कि हमसे जितना हो सका हमने गठबंधन धर्म का पालन किया. तेजस्वी को हमने आरोपों पर सफाई देने के लिए कहा था, मगर उन्होंने सफाई नहीं दी. इसलिए बिना उनके सफाई दिये मेरे लिए उनके साथ काम करना मुश्किल था.
28 को मॉनसून सत्र
28 तारीख से बिहार बिधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी नीतीश कुमार को समर्थन का एलान कर देती है तो बिहार में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर नए मंत्रीमंडल का गठन होगा.