पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद नीतीश को बीजेपी का समर्थन मिलने के आसार बढ़ गए हैं. ऐसा होता है तो बिहार में एक बार फिर जेडीयू-बीजेपी की सरकार वापसी करेगी जिससे पहले नीतीश विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे.
जेडीयू विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है. राज्यपाल ने नीतीश को अगले निर्देश तक राज्य की कमान संभालने कहा है. आसार हैं कि पटना में विधायकों और दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बीजेपी राज्यपाल को नीतीश के समर्थन की चिट्ठी भेज दे.
गौरतलब है कि 28 तारीख से बिहार बिधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी नीतीश कुमार को समर्थन का एलान कर देती है तो बिहार में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर नए मंत्रीमंडल का गठन होगा.
इससे पहले आरजेडी विधायक दल की बैठक के बाद लालू यादव ने दावा किया था कि महागठबंधन पर कोई खतरा नहीं है. लालू ने कहा था कि बीजेपी-आरएसएस महागठबंधन को तोड़ने में लगे हैं. लालू ने कहा था कि नीतीश ने कभी तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा इसलिए इस्तीफे का सवाल नहीं उठता है.
लेकिन जेडीयू विधायक दल की बैठक के बाद कुछ ही घंटे में तस्वीर बदल गई और नीतीश ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. लालू को भी इसका अंदेशा था इसलिए कल रांची में कोर्ट पेशी के लिए उन्होंने फ्लाइट का आज का टिकट कैंसिल करा दिया था ताकि वो पटना में और समय बिता सकें और सड़क मार्ग से रांची के लिए देर रात निकलें.
विधानसभा का समीकरण
बिहार विधानसभा (कुल 243 सीटें)
किसके पास कितनी सीटें ?
आरजेडी- 80
जेडीयू- 71
कांग्रेस- 27
बीजेपी- 58
बिहार विधानसभा (कुल 243 सीटें)
महागठबंधन के पास कितनी सीटें ?
आरजेडी-80
जेडीयू- 71 कुल = 178
कांग्रेस- 27 बहुमत के लिए चाहिए- 122
बिहार विधानसभा (कुल 243 सीटें)
महागठबंधन टूटने पर
जेडीयू- 71 कुल = 129
एनडीए- 58 बहुमत के लिए चाहिए- 122