नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के कुछ सहयोगियों के साथ मुलाकात कर उनके मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की. प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए सिर्फ स्वतंत्र प्रभार वाले 13 राज्य मंत्रियों को बुलाया गया था. प्रधानमंत्री निवास पर करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह […]
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के कुछ सहयोगियों के साथ मुलाकात कर उनके मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की. प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए सिर्फ स्वतंत्र प्रभार वाले 13 राज्य मंत्रियों को बुलाया गया था. प्रधानमंत्री निवास पर करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने इन राज्य मंत्रियों से पूछा कि उन्हें काम करने में किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है. मोदी ने हर मंत्री से अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में संक्षिप्त ब्यौरा देने को भी कहा. मोदी ने ये भी कहा कि इन मंत्रियों को अपना कामकाज पूरी पारदर्शिता के साथ करना चाहिए. मोदी ने नसीहत दी कि नीतियां बनाते समय जनता के हितों का ध्यान रखा जाए. साथ ही इस बारे में जनता से फीडबैक भी लेना चाहिए. जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नीतियां बनाते समय ये ध्यान रखा जाए कि इनसे जनता को फायदा हो.
IANS
इस बैठक के बाद राज्य मंत्री भी खुश नजर आए. उनका मानना था कि इस तरह की चर्चा से उन्हें काम करने में फायदा होता है. बैठक में हिस्सा लेने वाले एक मंत्री ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि वो उनसे बात करें और सीधे जनता से. इन मंत्रियों का मानना है कि इस तरह की बैठक आगे भी होती रहेंगी, तो उन्हें काम करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
राज्य मंत्रियों के साथ ये बैठक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच पिछले सप्ताह दिल्ली में हुई समन्वय बैठक के बाद हुई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में संघ ने स्पष्ट किया था कि सरकार और जनता के बीच संवाद में कमी हो रही है और सरकार तक जनता की आकांक्षाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. खासतौर से भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर संघ ने जनता की चिंताओं और सरकार की किसान विरोधी बनती छवि के बारे में अवगत कराया था.