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अब ये अफवाह कौन फैला रहा है कि मायावती की संसद में एंट्री रोकने मौर्या या योगी दिल्ली लौटेंगे !

नई दिल्ली. मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता क्या छोड़ी, उत्तर प्रदेश की राजनीति में अचानक भूचाल सा आता दिख रहा है. बहनजी की नजर दलित वोटरों को छिटकने से रोकने पर है, ये सबको पता है. इसके लिए मायावती के इस्तीफे का गणित जब से बीजेपी को समझ में आया है, तब से यूपी की सत्ता के दो शीर्ष खेमों में खलबली मच गई है.
‘फूल’छाप पार्टी में फूलपुर की फांस !
मायावती ने दलित उत्पीड़न को मुद्दा बनाकर इस्तीफा दिया तो कहा ये गया कि वो नाखून कटाकर शहीद बनना चाहती हैं. उनका कार्यकाल तो अगले 8-9 महीने में खत्म ही हो रहा था और राज्यसभा में वापसी लायक हालत में बीएसपी है नहीं.
इधर मायावती दिल्ली की राजनीति छोड़ यूपी की तरफ मुड़ीं और उधर यूपी में सत्ता सुख भोग रही फूल छाप पार्टी में फूलपुर लोकसभा सीट को लेकर नेताओं के हाथ-पैर फूलने लगे.
मायावती की नज़र फूलपुर पर है ?
अचानक ही मीडिया में ख़बरें प्लांट होने लगी हैं कि मायावती उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट पर नज़र गड़ाए बैठी हैं. इस सीट से बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्या सांसद हैं.
चूंकि केशव प्रसाद मौर्या यूपी के डिप्टी सीएम भी हैं और उन्हें सितंबर से पहले इस्तीफा देकर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना है, इसलिए तय है कि फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना होगा.
फूलपुर दलितों-पिछड़ों के दबदबे वाली सीट है, जहां से कभी पंडित जवाहरलाल नेहरू सांसद चुने गए थे. अब इस सीट से मायावती के लड़ने की अटकल शुरू होते ही बीजेपी में खलबली मच गई.
दलीलें शुरू हो गईं कि अगर मायावती ने फूलपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने का फैसला किया तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
बहनजी दलितों के साथ-साथ बीजेपी विरोधी अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के दम पर बीजेपी उम्मीदवार की राह मुश्किल बना देंगी. अगर मायावती उपचुनाव जीत गईं तो बीजेपी की फजीहत हो जाएगी कि वो यूपी और केंद्र में सत्तारूढ़ होकर भी उपचुनाव नहीं निकाल पाई.
मौर्या बनाम योगी खेमा में अफवाह और काउंटर अफवाह का खेल !
इस दलील के साथ ही ये खबर अफवाह की तरह फैला दी गई है कि बीजेपी मायावती की चाल तभी नाकाम कर सकती है, जब फूलपुर सीट पर उपचुनाव की नौबत ही ना आए.
ऐसा तभी हो सकता है, जब केशव प्रसाद मौर्या को सांसद ही बने रहने दिया जाए. मतलब, यूपी के डिप्टी सीएम पद से हटाकर दिल्ली बुला लिया जाए और उनके दुख को कम करने के लिए उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाए.
इस एंगल से निकली खबर के फैलते ही मौर्या खेमे की बेचैनी बढ़ी तो जवाबी रणनीति के तहत नई अफवाह फैलाई जाने लगी. उसमें ये दलील दी जा रही है कि केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव जीता है और जीत में पिछड़ी जाति के वोटरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
इसलिए बीजेपी मौर्या को यूपी से हटाकर पिछड़ी जातियों को नाराज़ नहीं करेगी. उलटे पिछड़ी जातियों को बीजेपी के साथ मजबूती से जोड़ने के लिए केशव प्रसाद मौर्या को सीएम बनाया जाएगा और योगी आदित्यनाथ को केंद्र में मंत्री बनाकर दिल्ली बुला लिया जाएगा.
फंस तो नहीं गए केशव प्रसाद मौर्या ?
हालांकि मौर्या समर्थक योगी को दिल्ली भेजने की अफवाह फैलाते समय ये भूल गए कि मायावती के नाम पर अफवाहों की राजनीति का खेल फूलपुर सीट से शुरू हुआ है और ये खेल तो केशव प्रसाद मौर्या के सीएम बनने के बाद भी जारी रहेगा.
मौर्या को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो भी फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना तो तय है. अगर बीजेपी किसी भी सूरत में मायावती को फूलपुर से लड़ने का मौका ही नहीं देना चाहेगी तो मौर्या जी को लखनऊ की कुर्सी की बलि देनी पड़ सकती है.
मौर्या कैंप से अब नई खबर ये आ रही है कि फूलपुर से केशव मौर्या इस्तीफा तो देंगे ही देंगे. उनकी जगह पर बीएसपी से बीजेपी में आए और कभी मायावती की आखों के तारे रहे स्वामी प्रसाद मौर्य को उतारा जाएगा.
स्वामी प्रसाद मौर्या को उतारने का एक्शन-प्लान ये है कि अगर मायावती कभी अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसलार रहे स्वामी प्रसाद मौर्या से हार गईं तो पहले से ही तबाह उनकी राजनीति इसके बाद पूरी तरह चौपट हो जाएगी.
फूलपुर में होगा 2019 के महागठबंधन का लैब टेस्ट ?
अफवाहें अपनी जगह, लेकिन इतना तो तय है कि अगर वाकई फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ और मायावती मैदान में उतरीं तो लड़ाई बेहद दिलचस्प हो होगी.
मायावती के पास राजनीति में फिलहाल खोने के लिए कुछ नहीं बचा है, ऐसे में उपचुनाव लड़कर वो दलितों के बीच अपनी खोई ज़मीन वापस पाने की कोशिश तो कर ही सकती हैं.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी 2019 के लिए महागठबंधन का फॉर्मूला बेचैनी से ढूंढ रही हैं. दोनों पार्टियों ने अगर मायावती को समर्थन दिया और समर्थन का सकारात्मक नतीजा निकला, तो फूलपुर 2019 के महागठबंधन का लैब टेस्ट साबित हो सकता है.
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