मुंबई : जम्मू कश्मीर की तरह अब कर्नाटक भी अलग झंडे की मांग कर रहा है. कर्नाटक सरकार की ओर से अलग झंडे की मांग की गई है और इसके लिए एक सरकारी समिति की स्थापना भी की गई है. कर्नाटक सरकार के इस कदम की शिवसेना ने कड़ी आलोचना की है और इसके लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय के जरिए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. शिवसेना ने कहा है कि कर्नाटक के सत्ताधीश आज अलग झंडा चाहते हैं तो कल स्वतंत्र संविधान और स्वतंत्र फौज की मांग करेंगे.
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अलग झंडे की मांग करके नए विवाद को जन्म दे दिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि सिद्धरमैया सरकार को बर्खास्त करे अन्यथा कनार्टक सरकार को मिलने वाला सारी सहायता को रोक देना चाहिए.
शिवसेना ने कहा, ‘कर्नाटक में अलग झंडा देश की पीठ में ख़ंजर है. कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेसियों ने यह अभद्र कार्य किया है. जम्मू कश्मीर की तरह कर्नाटक को अलग झंडा चाहिए. अपने राज्य की स्वतंत्र पहचान हो इसलिए कर्नाटक को अलग झंडा चाहिए और इसके लिए उसने एक सरकारी समिति की स्थापना की है. कर्नाटक सरकार की यह मांग देश की सार्वभौमिकता के लिए एक चुनौती है, तिरंगे का अपमान है और राष्ट्र की अखंडता के लिए शहीद होनेवाले स्वतंत्रता सेनानियों और सीमा पर लड़नेवाले जवानों का भी अपमान है.’
बता दें कि कर्नाटक सरकार अलग झंडा चाहती है और इसके लिए 9 सदस्यों की एक समिति का गठन भी कर लिया है. यह समिति झंडे की डिजाइन तैयार करेगी और सिंबल बनाएगी. अगर कर्नाटक के लिए अलग झंडा बन जाता है तो जम्मू कश्मीर के बाद यह देश का दूसरा राज्य होगा जिसका अपना अलग झंडा होगा.