नई दिल्ली. रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर आरोप लगाया कि उसने हरियाणा और एम्स में उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में साथ नहीं दिया. मैग्सेसे फाउंडेशन ने बुधवार को चतुर्वेदी तथा सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता को साल 2015 का मैग्सेसे अवॉर्ड दिए जाने की घोषणा की. इसके बाद चतुर्वेदी ने कहा, 'पीएमओ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में साथ नहीं दिया.'
नई दिल्ली. रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर आरोप लगाया कि उसने हरियाणा और एम्स में उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में साथ नहीं दिया. मैग्सेसे फाउंडेशन ने बुधवार को चतुर्वेदी तथा सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता को साल 2015 का मैग्सेसे अवॉर्ड दिए जाने की घोषणा की. इसके बाद चतुर्वेदी ने कहा, ‘पीएमओ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में साथ नहीं दिया.’
एम्स के सतर्कता अधिकारी रह चुके चतुर्वेदी ने कहा, ‘असहिष्णु रवैया भ्रष्टाचार के खिलाफ होना चाहिए, न कि ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ.’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं हरियाणा व एम्स में भ्रष्टाचार से जंग लड़ रहा था, तो मेरे खिलाफ तरह-तरह की झूठी बातें फैलाई गईं.’ संजीव ने कहा, ‘मेरी गलती यह थी कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के दौरान मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के नारे को उसी रूप में ले लिया, जिस रूप में यह प्रतिध्वनित होता है.’ (IANS)