नीतीश से बंद कमरे में बोले तेजस्वी, FIR के बाद भी वीरभद्र CM बने हैं तो मैं क्यों बलि दे दूं

बिहार में जारी सियासी उठा-पटक और राजद-जदयू विवाद के बाद आज पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आमने सामने दिखे. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच 40 मिनट के मीटिंग के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.

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नीतीश से बंद कमरे में बोले तेजस्वी, FIR के बाद भी वीरभद्र CM बने हैं तो मैं क्यों बलि दे दूं

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  • July 18, 2017 4:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पटना: बिहार में जारी सियासी उठा-पटक और राजद-जदयू विवाद के बाद आज पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आमने सामने दिखे. दोनों के बीच करीब 40 मिनट के मीटिंग के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. 
 
तेजस्वी यादव ने वीरभद्र सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उन्होंने मुख्यंत्री पद नहीं छोड़ा तो मैं क्यों छोड़ूं.
 
 
आज शाम को सीएम नीतीश कुमार की अध्ययक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. सूत्रों की मानें तो इस दौरान बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक बात चीत हुई. 
 
हालांकि, दोनों नेताओँ के बीच और क्या बातचीत हुई है इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है. मगर इस मुलाकात के बाद भी कुछ भी स्थिति साफ होती नहीं दिखती कि सीएम नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की बात मानेंगे या फिर गठबंधन से किनारा कर लेगें. 
 
 
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत अन्य पर सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति जमा करने का केस किया था जिसमें चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. इस मामले में वीरभद्र या उनकी पत्नी कभी गिरफ्तार नहीं हुईं और दोनों सीबीआई कोर्ट से जमानत पर हैं.
 
तेजस्वी ने क्यों नीतीश को दिलाई हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के केस की याद ?
 
वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी समेत कुछ अन्य आरोपियों पर सीबीआई ने सितंबर, 2016 में आय से अधिक संपत्ति जुटाने का केस दर्ज किया था. सीबीआई ने वीरभद्र सिंह पर 2009 से 2012 तक केंद्रीय स्टील मंत्री रहते आय से करीब 10 करोड़ रुपया ज्यादा जुटाने के आरोप को प्रारंभिक जांच में सही मानते हुए एफआईआर दर्ज की थी.
 
 
वीरभद्र सिंह ने इस केस को खारिज करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट ने एफआईआर कैंसिल करने से इनकार कर दिया था. सीबीआई ने इस केस में मार्च, 2017 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया जिसके बाद वीरभद्र और उनकी पत्नी ने रेगुलर बेल ले रखी है.

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