पटना: रेलवे होटल टेंडर घोटाले में फंसे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नाम पर बिहार में महागठबंधन की दरार गहरी होती जा रही है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयान से सीएम नीतीश कुमार संतुष्ट नहीं हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश तेजस्वी का इस्तीफा चाहते हैं. जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि तेजस्वी राजनीतिक जवाब दे रहे हैं.
JDU प्रवक्ता ने कहा है कि सीबीआई पूख्ता सबूत के आधार पर ही एफआईआर दर्ज करती है. FIR में लगे आरोपों पर तेजस्वी यादव बिंदुवार स्पष्टीकरण दें. तेजस्वी अपने ऊपर लगे आरोपों का राजनीतिक जवाब दे रहे हैं. सियासी जवाब से ज्यादा जरूरी एक स्पष्ट जवाब की है. एफआईआर का तथ्यात्मक जवाब आरजेडी को जनता के बीच जाकर देना होगा. ये आरोप नहीं है एफआईआर है.
आलोक ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी हमारी सरकार में किसी पर आरोप लगे हों या FIR हुई हो तो हम उनके साथ काम नहीं करते हैं. अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं और महागठबंधन सरकार की अपनी एक इमेज है. उस इमेज पर धब्बा नहीं लगना चाहिए.
तेजस्वी यादव के मुद्दे पर जेडीयू के सांसदों और विधायकों की बैठक में तीन दिन पहले ही तय हो चुका है कि तेजस्वी यादव तथ्यों के साथ सफाई दें. तेजस्वी के लिए जेडीयू के अल्टीमेटम की मियाद शुक्रवार की शाम तक है. इस बीच तेजस्वी यादव ने बिहार कैबिनेट की मीटिंग में हिस्सा लिया और अपनी सफाई में अपने पिता लालू यादव की बात दोहराई. लालू यादव की तरह तेजस्वी ने भी यही दलील दी कि जिस वक्त का घोटाला बताया जा रहा है, उस वक्त तेजस्वी बच्चे थे.
टेंडर घोटाले में घिरे तेजस्वी यादव और आरजेडी ने साफ कर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि मुझ पर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता. तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार को संदेश दे दिया है कि वो इस्तीफा देने वाले नहीं हैं. दरअसल, कल नीतीश ने अल्टीमेटम दिया था कि 4 दिनों में तेजस्वी पर लालू फैसला लें.
कैबिनेट बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा कि हमारी छवि साफ रही है. भ्रष्टाचार पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है. हमें पिछड़े परिवार के होने की वजह से सजा दी जा रही है. तेजस्वी ने कहा कि ये मामला 2004 का है. तब मेरी उम्र 13-14 साल की थी. मेरी मूंछें भी नहीं आई थी. हम तो तब बच्चा था, कोई पद नहीं था तो घोटाला कैसे करते ?
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें, बहुमत के लिए 122 की ज़रूरत
महागठबंधन का गणितः आरजेडी- 80, जेडीयू-71, कांग्रेस- 27 (कुल- 178)
एनडीए का संख्या बलः बीजेपी- 53, एलजेपी, 2, आरएलएसपी-2, हम- 1 (कुल- 58)
बीजेपी और जेडीयू मिल जाएं तो 71+53 (124)