नई दिल्ली: सोनिया गांधी के घर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा हुई. इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मौजूद हैं. चर्चा ये भी हैं कि इस बैठक में राहुल गांधी को जल्द से जल्द अध्यक्ष बनाने पर भी चर्चा हो सकती है.
सोनिया ने बैठक में कश्मीर मसले पर सरकार को घेरा और कहा कि कश्मीर में पहले तुलनात्मक रूप से शांति थी लेकिन अब टकराव, तनाव और भय है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को जानबूझकर अलग-थलग किया जा रहा है और उनके साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, क्योंकि संकटग्रस्त कश्मीर बीजेपी सरकार की घोर नाकामी को दिखाता है.
सोनिया ने कहा कि सीमा पार आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं. जीडीपी की गिरती दर को लेकर भी सोनिया ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि हाल ही में आए जीडीपी आंकड़े बताते हैं कि जो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बारे में कहा था वह सच साबित हुआ. आज के समय में शासन में लगातार गरीब, पीड़ित, अल्पसंख्यकों के लिए हालत बद से बदत्तर हो गए हैं.
बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मोदी सरकार चाहे जितनी खुशी मना ले, विज्ञापनों पर चाहे जितना खर्च कर ले, जनता के लिए 3 साल निराशाजनक रहे हैं. आजाद ने केंद्र को पब्लिसिटी की सरकार बताते हुए कहा कि 3 सालों में SC-ST, पिछड़े, अल्पसंख्यक, महिलाओं और किसानों सब पर अत्याचार बढ़ गया है.
चर्चा ये भी हैं कि इस बैठक में राहुल गांधी को जल्द से जल्द अध्यक्ष बनाने पर भी चर्चा हो सकती है. पिछली बैठक में भी सभी ने एक सुर में राहुल को अध्यक्ष बनाने की बात कही थी लेकिन राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि वह लोकतांत्रिक तरीके से ही अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे.
बता दें कि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनावों में हार से परेशान कांग्रेस विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर एक महागठबंधन बनाने की कोशिश में लगी है. जिसके द्वारा बीजेपी को रोका जा सके. राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि विपक्ष का साथ आना लोकतंत्र के लिए अच्छा है. कांग्रेस ने अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के प्रयास का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी एकता लोकतंत्र के लिए अच्छी है.