जिस विवादित जमीन बिल को लेकर मॉनसून सत्र मे हंगामा की आशंका थी, वो जमीन बिल मॉनसून सत्र में पेश नहीं किया जाएगा. दरअसल जमीन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति को 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब उसे और वक्त दिया गया है और वो अगस्त के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.
नई दिल्ली. जिस विवादित जमीन बिल को लेकर मॉनसून सत्र मे हंगामा की आशंका थी, वो जमीन बिल मॉनसून सत्र में पेश नहीं किया जाएगा. दरअसल जमीन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति को 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब उसे और वक्त दिया गया है और वो अगस्त के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि जमीन बिल पर साझा संसदीय समिति को और वक्त दिया गया है. अब अगस्त के पहले हफ्ते में आएगी समिति की रिपोर्ट. इस बीच पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जमीन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति आगे भी समय मांग सकती है और हो सकता है कि वो 13 अगस्त तक चलनेवाले मॉनसून सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश ही नहीं करे.
दूसरी तरफ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा है कि अगर बिल में ज्यादा बदलाव हुआ तो फिर सरकार नया जमीन बिल ला सकती है. जमीन बिल के मौजूदा प्रावधानों का कांग्रेस पूरजोर विरोध कर रही है. समाजवादी पार्टी ने भी साफ कर दिया है कि वो इस मसले पर कांग्रेस के साथ है. लोकसभा स्पीकर ने बताया कि संसद सत्र से पहले हुई बैठक में सभी दलों ने सहयोग का भरोसा दिलाया है. जमीन बिल: SP-BSP नरम, सरकार ला सकती है नया बिल