अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को सलाह दी है कि सीएम केजरीवाल जनता के धन का इस्तेमाल निजी उद्देश्यों के लिए नहीं कर सकते हैं.
नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को सलाह दी है कि सीएम केजरीवाल जनता के धन का इस्तेमाल निजी उद्देश्यों के लिए नहीं कर सकते हैं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की यह सलाह उपराज्यपाल की ओर से पूछे गए सवालों पर आई है.
कुछ दिन पहले उपराज्यपाल ने एएसजी से राय मांगी थी कि क्या केजरीवाल के जेटली के खिलाफ बयान उनके आधिकारिक हैसियत में थे? क्या सीएम को सरकारी तौर पर एक विशेष अधिवक्ता मुहैया कराया जाना चाहिए? इन सवालों के जवाब एएसजी ने नहीं में दिया है.
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एएसजी ने कहा है कि केजरीवाल ने अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर दिए गए बयानों का उनकी आधिकारिक हैसियत या सार्वजनिक कर्तव्यों से कोई लेना-देना नहीं है. वे अपनी व्यक्तिगत और निजी हैसियत में थे. एएसजी ने कहा कि संविधान के अनुसार जनता के पैसे का उपयोग निजी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने राज्यपाल को सलाह दी है कि केजरीवाल का बचाव करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की नियुक्ति और उनकी फीस का भुगतान सरकारी खजाने के प्रस्ताव को नामंजूर किया जाए. जिसके बाद से अब केजरीवाली की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में अब यदि उपराज्यपाल ने एएसजी सलाह मानी तो राम जेठमलानी की पूरी फीस केजरीवाल को अपने पास देनी पड़ेगी.
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एएसजी ने कहा है कि मुख्यमंत्री का पद जनता के पैसे के संरक्षक का पद होता है. ऐसे में जनता के पैसे का उपयोग कानून व निर्धारित प्रतिक्रियाओं के तहत ही किया जाना चाहिए. बता दें कि वित्तमंत्री अरुन जेटली ने केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ के मानहानि का केस दायर किया है. इस केस में जेठमलानी केजरीवाल के वकील हैं.