नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. बैठक में सीपीएम के नेता भाग लेंगे या नहीं इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है. सोनिया गांधी की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन जेडीयू का प्रतिनिधित्व शरद यादव करेंगे.
विपक्ष के शीर्ष नेता संसद परिसर के पुस्तकालय में सोनिया गांधी की मेजबानी में आयोजित दोपहर भोज में शामिल होंगे. यह आयोजन ऐसे दिन होगा जब एनडीए सरकार केन्द्र में अपनी तीसरी वर्षगांठ मना रही होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भोज के लिए आमंत्रित नहीं किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और जेदयू नेता यादव इसमें शामिल होंगे. शरद यादव खुद भी इस पद के संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं.
बैठक में नीतीश के शामिल न होने पर जेडीयू ने सफाई देते हुए कहा है कि वह कुछ दिन पहले ही कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात कर चुके हैं. और पहले ही सोनिया गांधी को बता चुके हैं कि वह राष्ट्रपति चुनाव में क्या चाहते हैं. जेडीयू प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा कि अहमद पटेल ने नीतीशजी को बुलाया था, पार्टी की ओर से शरद यादव में बैठक में हिस्सा लेंगे.
सूत्रों के मुताबिक सोनिया से मिलने पर नीतीश ने प्रणव मुखर्जी को लेकर अपनी बात उस समय रखी है. वहीं कांग्रेस और आरजेडी का मानना है कि विपक्ष को अभी से उम्मीदवार का नाम घोषित कर मैदान में उतर जाना चाहिए. एनडीए के खिलाफ मोर्चा बना रहे दलों को ये पहले से पता है कि उनके पास राष्ट्रपति चुनाव में मतों की संख्या ज्यादा नहीं है, क्योंकि हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए को काफी बढ़त मिल चुकी है. इसके लिए विपक्ष छोटे दल जैसे एआईडीएमके, बीजेडी और टीआरएस जैसे दलों से अपने पक्ष में समर्थन की उम्मीद कर सकता है.
महा-गठबंधन के नेताओं का कहना है कि नीतीश के बैठक में शामिल न होने से एनडीए को यह संदेश जाएगा कि विपक्ष में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. लालू की पार्टी आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि मुझे नीतीश कुमार के इस फैसले से कोई आश्चर्य नहीं है, उनके ट्रैक रिकार्ड देखने से यह पता चलता है कि हम जिस स्टैंड पर खड़े होते हैं, उनका वह हमेशा विरोध करते हैं.