चंडीगढ़: पहले से ही कपिल मिश्रा के आरोपों में घिरे अरविंद केजरीवाल के लिए सोमवार सुबह पंजाब के तमाम विधायक भी एक नई मुसीबत लेकर आने वाले हैं. दरअसल पंजाब की लीडरशिप चाहती है कि उसे दिल्ली की आलाकमान की तरफ से फ्री हैंड दिया जाए और पंजाब से जुड़े तमाम राजनीतिक फैसले लेने का अधिकार भी पंजाब के नेताओं के पास हो और पंजाब अफेयर्स में दिल्ली की दखलअंदाजी कम की जाएं.
साथ ही आम आदमी पार्टी के पंजाब के कन्वीनर गुरप्रीत घुग्गी को हटाने और नए कन्वीनर का नाम तय किए जाने की चर्चा भी इस मीटिंग में हो सकती है. अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबत ये है कि पंजाब के नए कन्वीनर के पद के लिए भुलत्थ से विधायक और विधानसभा में आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप सुखपाल खैहरा अपना नाम तय मान रहे हैं तो वहीं नाराज चल रहे सांसद भगवंत मान को पंजाब का का कन्वीनर बनाकर उन्हें शांत किए जाने की कोशिश भी हो सकती है.
ऐसे में अरविंद केजरीवाल के सामने मुसीबत ये होगी कि वो पंजाब के कन्वीनर के पद के लिए किसका नाम तय करते हैं और अगर भगवंत मान या सुखपाल खैहरा इन दोनों में से किसी को भी साइडलाइन किया गया तो ये दोनों ही पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर सकते हैं.
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पहले से ही मुसीबतों में घिरे अरविंद केजरीवाल सोमवार को बुलाई गई पंजाब के विधायको और विधानसभा इंचार्जों की मीटिंग में क्या फैसला लेते हैं. आम आदमी पार्टी के पंजाब के तमाम 20 विधायकों की अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक 8 मई को सुबह 10 बजे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के घर पर होगी.
भगवंत मान पसंद नहीं
कई NRI वॉलंटियर्स भी अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर ये बात कह चुके हैं कि बतौर पंजाब कन्वीनर वो भगवंत मान के नाम का समर्थन नहीं करते हैं क्योंकि भगवंत मान पिछले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी की ब्रांडिंग से ज्यादा अपनी खुद की ब्रांडिंग और खुद को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने में लगे रहे. साथ ही नशे की लत की वजह से भी भगवंत मान की इमेज सही नहीं है. ऐसे में उन्हें पंजाब का कन्वीनर नहीं बनाना चाहिए.