लवली और बरखा सिंह का जाना दिल दुखाता है, पार्टी में कुछ चीजें बदलने की जरूरत : संदीप दीक्षित

नई दिल्ली. एमसीडी चुनाव के लिए मतदान के बीच ही कांग्रेस के पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और पार्टी पर निशाना साधा है.

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लवली और बरखा सिंह का जाना दिल दुखाता है, पार्टी में कुछ चीजें बदलने की जरूरत : संदीप दीक्षित

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  • April 23, 2017 10:20 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. एमसीडी चुनाव के लिए मतदान के बीच ही कांग्रेस के पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और पार्टी पर निशाना साधा है.
हमारे सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज से उन्होंने कहा है कि अरविंद सिंह लवली और बरखा सिंह का अचानक पार्टी छोड़कर चले जाना दिल को दुखाता है और यह भी पता है कि हमारी पार्टी में कुछ ऐसी चीजे हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है ताकि लोग छोड़कर न जाएं.
हालांकि इसके साथ ही दीक्षित ने यह भी उम्मीद जताई कि लवली और बरखा के  जाने से दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा. पूर्व कांग्रस संदीप दीक्षित ने कहा कि जहां तक शीला दीक्षित की बात है तो दिल्ली के लोग उनके 15 सालों के शासन को याद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आप व्यक्तिगत दोष या ईर्ष्या के चलते उनका नाम लो चाहे न लो लेकिन बात जब अनुभव की आती है तो सबको पता है कि कौन इस मामले में आगे है. संदीप ने कहा कि शीला दीक्षित कांग्रेस की नेता हैं. कांग्रेस की सबकी है. अब भले ही कोई खुद को ही कांग्रेस समझ ले.
संदीप दीक्षित की बातों से लग रहा था कि वह अजय माकन और राहुल गांधी से बेहद नाराज हैं.  इससे पहले भी वह यूपी और उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार के पीछे राहुल गांधी को ही जिम्मेदार बता चुके हैं.
दोनों राज्यों के नतीजे आने के बाद संदीप दीक्षित ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के साथ समझौता करने का फैसला किसका था. जब पार्टी वहां पर किसान यात्रा शुरू कर चुकी थी और सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका था तो फिर इससे पीछे हटने की जरूरत नहीं थी.
गौरतलब है कि दिल्ली में कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस के कई नेता अजय माकन से नाराज हैं लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कुछ बोल नहीं रहा था.
क्योंकि उनके ऊपर उपाध्यक्ष राहुल गांधी का हाथ था. लेकिन जब से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस की दुर्गति हुई है राहुल के खिलाफ भी आवाजें उठने लगी हैं. .
 

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