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बाबरी मस्जिद विध्वंस : SC के निर्णय पर अमित शाह ने एलके आडवाणी से कहा- पार्टी आपके साथ

नई दिल्ली. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी (89), मुरली मनोहर जोशी (83) उमा भारती (57) , विनय कटियार सहित 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाए जाने के फैसले के बाद बीजेपी में रणनीति पर चर्चा जारी है. मीडिया में आ रही रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एलके आडवाणी […]

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  • April 20, 2017 8:12 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी (89), मुरली मनोहर जोशी (83) उमा भारती (57) , विनय कटियार सहित 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाए जाने के फैसले के बाद बीजेपी में रणनीति पर चर्चा जारी है.
मीडिया में आ रही रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एलके आडवाणी से कहा है कि पूरी पार्टी उनके साथ है.  सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अमित शाह ने बुधवार को ही आडवाणी से मुलाकात की.
आडवाणी से मुलाकात से पहले बीजेपी के बड़े नेताओं ने अदालत के फैसले पर राजनीतिक और कानूनी नतीजों पर भी चर्चा की. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी,  अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू शामिल थे.
हालांकि बैठक से निकलने के बाद बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह मुलाकात कश्मीर को लेकर हुई थी. यह बैठक पहले से ही तय थी. लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर ही चर्चा हुई है. 
उमा भारती का अयोध्या दौरा टाला गया
बुधवार को फैसला आने के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ऐलान किया था कि वह अयोध्या जाने वाली हैं लेकिन बाद में पार्टी नेताओं की सलाह पर उन्होंने अयोध्या जाने का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया.
बीजेपी के पास सामने बड़ी दुविधा
बीजेपी नहीं चाहती है कि जनता के बीच यह संदेश जाए कि जिस आंदोलन के दम पर पार्टी खड़ी हुई थी उसके ‘हीरो’ रहे आडवाणी और दूसरे नेताओं पर उस समय आपराधिक आरोप लगाए गए जब केंद्र और राज्य दोनों में ही उसकी सरकार है. 
लालू प्रसाद यादव का तंज
मंदिर आंदोलन के समय बिहार के मुख्यमंत्री रहे और आडवाणी की रथयात्रा रोकने का आदेश देने वाले आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि आडवाणी पर आपराधिक मुकदमा चलाने के पीछे पीएम मोदी की साजिश है ताकि उनको राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर किया जा सके.
गौरतलब है कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को इस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन अदालत के इस फैसले के बाद दोनों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है.
 

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