नई दिल्ली: गौ हत्या पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर एनसीपी नेता शरद पवार ने निशाना साधा है. शरद यादव ने कहा कि पूरे देश में गौहत्या पर बैन लगाना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने वीर सावरकर का उदाहरण देते हुए कहा कि वीर सावरकर गौहत्या के पक्ष में थे. उन्होंने कहा था कि जब गाय वृद्ध हो जाए, तो किसानों के लिए बोझ नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि संघ प्रमुख ने कहा था कि पूरे देश में गौहत्या पर बैन लगाना चाहिए.
बता दें कि ये बातें एनसीपी शरद पवार ने अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर कहीं. आज दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में एनसीपी प्रमखु शरद पवार की आत्मकथा का हिंदी रुपांतरण अपनी शर्तों पर का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने किया. इस विमोचन के मौके पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, सीताराम येचुरी और केसी त्यागी जैसे नेता मौजूद थे.
#WATCH Sharad Pawar says- ‘Vir Savarkar said Cows shouldn’t become burden on farmers. If anyone eats cow-meat then I don’t hold him guilty’
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इस मौके पर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि देश को शरद पवार जैसे व्यक्ति पीएम के तौर पर नहीं मिल पाया. इसके अलावा कुलदीप नैय्यर ने शरद पवार की तारीफ करते हुए कहा कि शरद पवार ने उस समय लड़ाई लड़ी, तो देश में अलग माहौल था. अब एक बार फिर वैसा ही माहौल है. उनको लड़ाई के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज की तारीख में शरद पवार राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य हैं.
मार्च में संसद में पचास साल पूरे करने वाले शरद पवार ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि ‘मेरी मां तीन दिन के बच्चे को लेकर नगर पंचायत सदस्य के तौर पर भाग लेने पहुंची थी, वो बच्चा मैं ही था.’
उन्होंने इंदिरा गांधी के इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि जैसा माहौल इमरजेंसी के समय था, ठीक वैसा ही माहौल अभी है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इमरजेंसी सही थी या गलत लोग आज भी इस पर विचार करते हैं. आज अल्पसंख्यक, दलितों के लिए भय का माहौल है.
गौरतलब है कि इस आत्मकथा के इंग्लिश वर्जन का विमोचन सोनिया गांधी ने किया था. हालांकि, इसके हिंदी वर्जन के लिए राहुल गांधी को विमोचन करना था, मगर व्यस्तता के कारण वो इस कार्यक्रम में नहीं आ पाए.