देहरादून. आईआईटी रुड़की ने बी.टेक के पहले साल में खराब प्रदर्शन करने वाले 73 छात्रों को निष्कासित कर दिया है. यह मामला विवादित होने के बाद रुड़की के अधिकारियों का कहना है कि दाखिले के दौरान अभिभावकों ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया था. इसके तहत शर्त थी कि प्रदर्शन खराब रहने पर छात्रों को संस्थान से निकाला भी जा सकता है.
खबरों के अनुसार इस मामले पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आईआईटी स्वायत्त संस्थान है और अपने नियमों से संचालित होते हैं. इस तरह छात्रों का निकाला जाना, कोई नई घटना नहीं है. इससे पहले आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर में भी ऐसा हो चुका है. इससे पहले आईआईटी खड़गपुर के पूर्व डायरेक्टर ने भी 15-20 स्टूडेंट्स को खराब परफॉर्मेंस के लिए इंस्टीट्यूट से निकाल दिया था. लेकिन उसके बाद फैसले को वापस लेते हुए उन स्टूडेंट्स का दोबारा एडमिशन भी कर दिया गया.
मामला
आईआईटी रुड़की ने बीटेक प्रोग्राम में कम स्कोर की वजह से 73 स्टूडेंट्स को निकाल दिया है. दरअसल इन स्टूडेंट्स ने 5 सीजीपीए यानी कम्यूलेटिव ग्रेड प्वॉइंट एवरेज से कम स्कोर किया था. इसी पर रुड़की में 160 सीनियर प्रोफेसर, डिपार्टमेंट्स हेड और डायरेक्टर की बैठक हुई जिसके बाद छात्रों को निकाला गया.
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