हिंसा से गौरक्षा अभियान को ठेस पहुंचती है, देश में बने इसके लिए समान कानून : मोहन भागवत

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि वह चाहते हैं कि गौरक्षा पर पूरे भारत के लिए एक समान कानून बने. उनका मानना है कि राजनीतिक जटिलताओं के चलते इस कानून को बनाने में कुछ समय लग सकता है.

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हिंसा से गौरक्षा अभियान को ठेस पहुंचती है, देश में बने इसके लिए समान कानून : मोहन भागवत

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  • April 9, 2017 7:47 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि वह चाहते हैं कि गौरक्षा पर पूरे भारत के लिए एक समान कानून बने. उनका मानना है कि राजनीतिक जटिलताओं के चलते इस कानून को बनाने में कुछ समय लग सकता है.
मोहन भागवत ने कहा कि जहां-जहां आरएसएस के स्वयंसेवक हैं वहां पर गौरक्षा कानून बने हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि कोई किसी पर हिंसा नहीं कर सकता है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर कोई किसी को ठेस पहुंचाए, भद्दे कमेंट करे या हिंसा करना ठीक नहीं है. ऐसी घटनाओं से गौरक्षा अभियान को ठेस पहुंचती है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अलवर में कुछ कथित गौरक्षकों ने पहलू खान नाम के एक शख्स को पीट-पीट कर मार डाला था. 
पहलू खान अपने बेटों से साथ राजस्थान से गाय सहिक कुछ मवेशी खरीद कर हरियाणा के मेवात जा रहे थे. वह दूध का व्यापार करना चाहते थे.
लेकिन रास्ते में भीड़ ने उनको रोक लिया और उनके ऊपर गाय को मारने के लिए ले जाने का आरोप लगाकर मारपीट शुरू कर दी. भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने पहलू को बड़ी ही बेदर्दी से मारा और उनकी गाड़ी भी तोड़ दी.
पोस्टम़ॉर्टम रिपोर्ट में भी उनकी मौत मार-पिटाई की वजह से बताई गई है. पहलू खान के बेटों ने बताया कि उन लोगों ने भीड़ में शामिल लोगों को गाय और मवेशी खरीदे जाने से संबंधित कागजात भी दिखाए थे लेकिन किसी ने एक न सुनी.
इस घटना की गूंज राजस्थान से लेकर संसद तक सुनाई दी. राज्यसभा में इस मुद्दे को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उठाया तो मीडिया में पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा है. वहीं इसी मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है.
इसके अलावा गौरक्षा के नाम पर देश में भर बढ़ रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एक याचिका पर केंद्र सहित 6 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

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