लखनऊ. बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री क्या बना दिया पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी होती जा रही है. दरअसल सीएम योगी की हिंदू युवा वाहिनी में हर रोज औसतन 5 हजार लोग सदस्यता ले रहे हैं.
योगी के सीएम बनने से पहले इस संगठन से सदस्यता लेने के लिए हर महीने 500 से 1000 आवेदन आते थे. इस संगठन को योगी आदित्यनाथ 2002 में बनाया था और इसका मुख्यालय गोरखपुर में ही है.
योगी की हिंदू युवा वाहिनी कट्टर हिंदुत्व के लिए जानी जाती है. इस संगठन की बढ़ती ताकत की वजह से ही पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में योगी की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है. योगी ने अपने इस संगठन के दम पर प्रदेश में लव जिहाद और हिंदुत्व से जुडे मुद्दे उठाए थे.
सदस्यता के लिए बढ़ते आवेदन को देखते हुए हिंदू युवा वाहिनी की ओर से नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं जिसमें कहा गया है कि नई सदस्यता देने से पहले आवेदनकर्ता की एक साल तक जांच जाएगी. इस नए दिशा-निर्देश को सभी जिला कार्यालयों में भेज दिया गया है. हिंदू युवा वाहिनी में महिलाओं को अभी तक सदस्य नहीं बनाया गया है.
हिंदू युवा वाहिनी की ओर से दावा किया गया है कि उससे अब तक 2 लाख लोग जुड़ चुके हैं. हालांकि अभी तक इस संगठन से जुड़े लोग आरएसएस और बीजेपी को ही समर्थन करते हैं लेकिन समय-समय पर यह बीजेपी को अपनी बढ़ती ताकत का भी अहसास करता रहता है.
फिर चाहे पूर्वांचल में टिकट बंटवारे का मुद्दा हो या फिर योगी को सीएम बनाने की मांग रही है. कहा जाता है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से योगी आदित्यनाथ नाराज हो गए थे और हिंदू वाहिनी ने खुलकर बीजेपी का विरोध किया.
हिंदू युवा वाहिनी के कई नेताओं के खिलाफ अपराधिक मुकदमा भी दर्ज हैं लेकिन इस पर संगठन का कहना है कि ये सभी राजनीतिक मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं. संगठन का दावा है कि वह सामाजिक कार्यों से जुड़ा है जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति की रक्षा करना, गायों का संरक्षण शामिल है.
बीजेपी के लिए क्यों है खतरा
दरअसल अभी तक बीजेपी के जितने भी नेता रहे हैं उनका कोई इस तरह का सामनांतर संगठन नहीं रहा है. वो सीधे या तो आरएसएस से निकलकर आए हैं या फिर बीजेपी में ही आगे बढ़े.
लेकिन उत्तर प्रदेश में हिंदू वाहिनी की बढ़ती ताकत आरएसएस के विकल्प के तौर पर उभार माना जा सकता है. हिंदू वाहिनी कई मुद्दों पर आरएसएस से ज्यादा कट्टर रुख अपनाता है.
उसका यह अंदाज हिंदू युवाओं को काफी रास आ रहा है दूसरी ओर से योगी की लोकप्रियता भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. यूपी में योगी से पहले कल्याण सिंह की लोकप्रियता भी कुछ ऐसी ही थी जिनकी बगावत ने बीजेपी को 14 सालों के लिए वनवास में भेज दिया था.
अगर किसी मुद्दे पर भी योगी के साथ मतभेद हुआ तो फायरब्रांड इस नेता को रोकना भारी पड़ सकता है. वैसे योगी अभी हिंदू हृदय सम्राट की छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं और खुद को ‘विकास पुरुष’ साबित करने में जुट गए हैं.