नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को आयकर विभाग ने 6 अप्रैल को तलब किया है. उनके खिलाफ हवाला जरिए कालाधन सफेद करने और करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप है. इसके साथ ही आयकर विभाग ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है.
6 अप्रैल को आयकर विभाग ने जैन से उन दस्तावेजों को भी साथ लाने के लिए कहा है कि जिनमें वह 2010 से 2016 के बीच हिस्सेदार रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बेनामी कानून की धारा 19 (1) के तहत 27 मार्च को जैन ने समन जारी किया है. यह समन 27 मार्च को किया गया था.
आपको बता दें कि इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने मंत्री सत्येंद्र जैन की 33 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर चुका है. इस संपत्ति में सवा सौ बीघा जमीन भी शामिल है.
अब तक हुई जांच पाया गया है कि जैन ने पहले हवाला कारोबारियों की मदद से कालेधन को सफेद किया फिर दिल्ली की अवैध कॉलोनियों के पास खूब जमीनें खरीदीं ताकि जब भी इन कॉलोनियों को सरकार वैध करे तो जमीन की बढ़ी कीमतों को फायदा उठाया जा सके.
आयकर विभाग ने जैन से उन कंपनियों का भी ब्यौरा मांगा है जिन्होंने उनकी कंपनियों के शेयर कई गुना महंगे दामों में खरीदे हैं. आयकर विभाग का मानना है कि ये कंपनियां कोलकाता के हवाला कारोबारियों को हो सकती हैं.
चुनाव आयोग से भी झूठ बोल चुके हैं जैन
सत्येंद्र जैन ने जिस साल इनकम टैक्स विभाग को 5.82 लाख रुपए के घाटे की जानकारी दी उसी साल उन्होंने चुनाव आयोग को बताया था कि दिल्ली में उन्होंने 96 लाख रुपए में डेढ़ एकड़ जमीन खरीदी है.
इतना ही नहीं उन्होंने आयकर विभाग को बताया कि उनकी पत्नी की सलाना आय 5 लाख रुपए से भी कम है जबकि चुनाव आयोग में दी गई जानकारी में 20 लाख रुपए उनसे लोन लेने का भी दावा कर डाला.
आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन 2013 और 2015 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में उन्होंने एक बार भी नहीं बताया कि उनकी पत्नी पूनम जैन की कितनी हिस्सेदारी अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड में है.
इन कंपनियों पर हवाला और दिल्ली में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने का आरोप है. जैन ने सिर्फ इतनी जानकारी दी थी कि उनके पास कुछ प्राइवेट लिमिटेड और लिस्टेड कंपनियों के शेयर हैं. लेकिन कंपनियों के नाम नहीं बताए थे.