पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में खुसफुसाहट है कि कि वह धीरे-धीरे बीजेपी की तरफ जा रहे हैं. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वह लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बड़ा धमाका कर सकते हैं.
इसकी सबसे बड़ी वजह बार-बार उनका पीएम मोदी की तारीफ करना है. उनकी इस तारीफ से हर बार उनके सहयोगी लालू प्रसाद यादव की पार्टी के नेता नाराज हो जाते हैं.
सीएम नीतीश की तारीफ के कई मायने निकाले जाते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने बेटों को बिहार की राजनीति में फिट करना चाहते हैं. उनका एक बेटा तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम है.
कब-कब की है नीतीश ने पीएम मोदी और बीजेपी की तारीफ
1- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी की शादी में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए थे तो नीतीश कुमार ने इस कदम का स्वागत किया था. नीतीश ने कहा था कि पीएम मोदी का सही कदम है. इससे भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी. हालांकि नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे लालू प्रसाद यादव ने तंज कसते हुए थे कहा कि आखिर कहां गया 56 इंच का सीना. दोनों के बीच पहली बार मतभेद सामने आए थे.
2- 8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला किया था तो पूरे विपक्ष ने एक साथ इसका विरोध किया था. यहां तक कि लालू प्रसाद ने इस फैसले को गरीबों के खिलाफ कदम बताया. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया और कहा था कि इससे कालाधन, जाली नोटों को रोकने में मदद मिलेगी. नीतीश कुमार आखिरी तक इस बात का समर्थन करते रहे और बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी.
3- गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकश पर्व पर पटना में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. वहीं पीएम मोदी ने भी शराबबंदी के फैसले पर नीतीश की खूब तारीफ की और प्रकाश पर्व आयोजन के सफल होने के पीछे भी नीतीश का ही हाथ बताया.
4- जब प्रधानमंत्री मोदी टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ द ईयर के सर्वे में आगे रहे तो भी बिहार के सीएम ने जमकर उनकी तारीफ की थी.
5- इसके बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत पर भी नीतीश कुमार ने केंद्र के फैसलों की तारीफ की थी और कहा कि विपक्ष को इसका विरोध नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गरीब तबके को राहत मिली है. पिछड़े वर्ग के तबके ने भी बीजेपी को वोट दिया है.
6- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे तो नीतीश ने बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री रमन सिंह की तारीफ कर डाली. उन्होंने कहा कि यहां की सार्वजनिक वितरण प्रणाली सबसे पारदर्शी योजना है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2014 से ठीक पहले नीतीश कुमार इसलिए अलग हो गए थे क्योंकि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया था.
इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी और नीतीश कुमार के बीच जमकर बयानबाजी हुई. इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस ने महागठबंधन बनाकर चुनवा लड़ा था. जिसमें महागठबंधन की सरकार बनी थी.