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क्या ‘चुनावी जुमला’ बनकर रह जाएगा किसानों के कर्ज माफी का ऐलान

लखनऊ. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि केंद्र सरकार का किसानों के कर्ज माफ करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा है कि अगर राज्य सरकार ऐसा कोई कदम उठाती है तो यह उसको वहन करना होगा.

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  • March 24, 2017 6:26 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ.  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि केंद्र सरकार का किसानों के कर्ज माफ करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा है कि अगर राज्य सरकार ऐसा कोई कदम उठाती है तो यह उसको वहन करना होगा.
उनके इस बयान के बाद सवाल इस बात का है कि कुछ दिन पहले ही कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने लोकसभा में कहा था कि यूपी में अगर बीजेपी सरकार आती है तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और इसका पूरा भार केंद्र सरकार वहन करेगी.
लेकिन वित्त मंत्री जेटली ने कहा है कि किसानों के कर्ज की समस्या हर राज्य में है. केंद्र सरकार किसी एक राज्य को सहूलियत दे और बाकी को न दे यह ठीक नहीं है.
जेटली ने कहा कि केंद्र की ओर से कर्ज की दरों में सहूलियत और दूसरी कई सुविधाएं किसानों को दे रही है वह जारी रहेंगी. अगर कोई राज्य किसानों का कर्ज माफ करना चाहता है तो वह अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है.
आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया गया था कि यूपीए के शासन में पूरे देश के किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया था न कि किसी एक प्रदेश का. इस बात पर जेटली ने यह जवाब दिया है.
गौरतलब है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले घोषणापत्र में ऐलान किया था कि अगर यूपी में सत्ता आई तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा.
केंद्र के सामने समस्या इस बात की है कि पंजाब और राजस्थान की सरकारें भी किसानों का कर्ज माफ करने की मांग कर रही हैं. ऐसे में सिर्फ यूपी के किसानों का ही कर्ज माफ किया जाता है तो समस्या खड़ी हो सकती है.
इसके अलावा महाराष्ट्र के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार में सहयोगी शिवसेना भी मांग कर रही है. कई महाराष्ट्र के कई नेता भी मांग कर रहे हैं कि अगर पीएम मोदी यूपी के किसानों को आश्वासन दे सकते हैं तो महाराष्ट्र को क्यों नहीं.
अब सवाल इस बात का उठता है कि यूपी को लेकर ही केंद्र सरकार के दो मंत्री सदन में अलग-अलग बयान दे रहे हैं. दूसरी ओर पीएम मोदी और बीजेपी के घोषणापत्र में किसानों के कर्ज माफी का वादा किया गया है.
बात किसकी मानी जाए, पीएम मोदी और बीजेपी के वादे की, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के ऐलान का या फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर.
 

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