मुंबई : अपने संपादकीय सामना में बीजेपी को अलग अलग मुद्दों पर कोसने वाली शिवसेना ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने के फैसले का स्वागत किया है लेकिन साथ में योगी आदित्यनाथ को कई हिदायते भी दे दी है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि गोरखपुर मठ के महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर लोकतांत्रिक तरीके से बिठाया गया है. इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
सामना के अनुसार योगी प्रखर हिंदुत्त्ववादी है और हिंदुत्त्ववादी होना अब तो अपराध नहीं होना चाहिए. नए मुख्यमंत्री ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से डिग्री ली हुई है, वो लोकसभा में 5 बार चुन कर आये है. लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर होने अपना सख्त रुख रखा है. उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह ने हमेशा से मुसलमानों की खुशामद करने की ही राजनीती की गई है.
सामना ने लिखा कि मुलायम सिंह का बयान ‘मैं अब मुसलमानों के लिए ही जीयूंगा और मरूंगा’ हिन्दू मतदाताओं को नई प्रेरणा दे गया. इसीलिए उत्तर प्रदेश की जीत का श्रेय राहुल गाँधी को देने के बजाय मुलायम सिंह और आजम खान जैसे लोगों को दिया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का शासन चलाना मठ या पीठ चलाने जितना आसान नहीं है.
सामना ने लिखा कि योगी को धर्मनीति के बजाय विकास के कार्यो को आगे ले जाना होगा. उमा भारती जब मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी तो उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में पूजा अर्चना के लिए मंदिर की स्थापना की. जिससे प्रशासनिक कार्यो के बजाय उनका अधिकतर समय पूजा पाठ में जाने लगा जिससे राज्य डगमगा गया, इस इतिहास को योगी आदित्यनाथ को समझना होगा.
सामना ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में जातिय अराजकता है और धर्मांध शक्तियों का अतिरेक बढ़ा है. पाकिस्तान के हाथ वहां पहुच गए है. कानून व्यवस्था चरमरा गयी है उसे नए मुख्यमंत्री को ठीक करना होगा. इसके अलावा चुनावों के वक्त किसानों की कर्ज मुक्ति के वायदे का क्या होगा? नए मुख्यमंत्री ने कहा है राज्य की 90% नौकरियों पर भूमिपुत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जोकि शिवसेना के विचारों की जीत है. उत्तर प्रदेश में नौकरियां बढ़ेंगी तभी मुम्बई पर से भी भार कम होगा.
सामना के अनुसार उत्तर प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्रीयो की नियुक्ति की गयी लेकिन जब महाराष्ट्र का सवाल आया तब कहा गया कि किसी भी राज्य में उप मुख्यमंत्री पद का निर्माण नीतिगत नहीं होने की बात कही गयी थी. लेकिन जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने खुद उप मुख्यमंत्री स्वीकारा और अब उत्तर प्रदेश में दो दो उप मुख्यमंत्री बनाये गए है.