लखनऊ: यूपी की राजनीति का आज एक और रंग दिखा है, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया है. आदित्यनाथ 19 मार्च को सीएम पद की शपथ लेंगे. चर्चा ये भी है कि संतुलन बनाने के लिए बीजेपी यूपी में दो डिप्टी सीएम बना सकती है. बता दें कि मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे चल रहा था. बता दें कि गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था. आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाने के लिए विशेष विमान भेजा था. योगी आदित्यनाथ भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में शुमार हैं. पूर्वांचल की राजनीति में उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है. गोरखपुर से सांसद और गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ कई बार अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मसलों पर उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय सिंह नेगी योगी आदित्यनाथ कैसे बने यह कहानी काफी रोचक है. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है. योगी आदित्यनाथ का नाम लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल है. गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जिसके बाद 1998 में वह सांसद चुने गए. योगी आदित्यनाथ जब 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी. इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने जाते रहे. सितंबर 2014 में उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने. योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं. हिन्दू युवा वाहिनी युवाओं का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.
धर्मांतरण के खिलाफ योगी
योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे. 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथिततौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया. ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया.
2008 में हुआ था जानलेवा हमला
7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे, यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया.