नई दिल्ली : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि वह कभी भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहकार नहीं बनना चाहते. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें राहुल गांधी को सलाह देने का काम सौंपा गया तो वह कभी भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे.
शाह ने यह बात शुक्रवार को एक निजी चैनल के एक कार्यक्रम में कही. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यूपी में कांग्रेस के नेतृत्व में कमजोरी की वजह से बीजेपी को जीत मिली तो इस पर शाह ने जवाब दिया, ‘हम अपने प्रतिद्वंदियों की कमजोरियों पर कभी निर्भर नहीं रहते.’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ के ठप्पे से मुक्ति दिलाने की है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में विकास ही भविष्य का रास्ता है.
शाह ने कहा कि 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब पार्टी गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों पर फोकस करेगी. शाह ने कहा कि बीजेपी अब इन राज्यों में होने वाले चुनावों पर ध्यान दे रही है, देश के 58 फीसदी क्षेत्रफल में अभी बीजेपी की सरकार है, केंद्र में पार्टी की सरकार है और अगर गठबंधन सहयोगियों को मिलाकर देखें तो भारत के 65 प्रतिशत क्षेत्रफल पर बीजेपी की सरकारें हैं.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान शनिवार को कर दिया जाएगा. साथ ही गोवा और मणिपुर में पीछे के रास्ते से सरकार में घुसने की बात पर शाह ने कहा कि दोनों राज्यों में कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला था.
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