लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक माथापच्ची हो रही है. लोग अपने-अपने मनपसंद के नेताओं के लिए हवन-पूजन कर रहे हैं.
लेकिन गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से जीत दर्ज कर बीजेपी विधायक बनीं अलका राय को कारागार मंत्री बनाने की मांग हो रही है.
अलका राय ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी को हराया है जो कि बीएसपी के प्रत्याशी थे.
माना जा रहा था कि मोहम्मदाबाद की सीट से मुख्तार अंसारी के परिवार से कोई भी लड़े उसको हराया नहीं जा सकता है.
पुरानी दुश्मनी है मुख्तार अंसारी से
दरअसल अलका राय और कई अपराधों में आरोपी मुख्तार अंसारी के बीच पुरानी दुश्मनी है. अंसारी पर अलका के पति कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है.
एक जमाने में कृष्णानंद राय पूर्वांचल में भूमिहार ब्राह्मणों और सवर्ण जाति के बड़े नेता थे और उनका दबदबा पुराने में इलाके में था.
उनकी हत्या के बाद पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी का एक तरफा राज हो गया था. अंसारी ने कौमी एकता दल नाम से पार्टी भी बनाई थी और जेल में रहते हुए चुनाव जीत दर्ज की थी.
सोशल मीडिया में उठ रही है अलका राय के पक्ष में मांग
दरअसल मुख्तार अंसारी का दबदबा जेल के अंदर रहते हुए भी कायम है. कहा जाता है कि उनको जेल प्रशासन ही मदद पहुंचाता है. इससे कई लोग नाराज हैं और अलका राय को कारागार मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं.
मीडिया से बातचीत में अलका राय ने चुनाव के बीच में ही कहा था कि वह पति की हत्या के बाद से न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं. मुख्तार अंसारी जैसे माफिया को भी कानून के दायरे में लाना चाहिए.
अलका राय के समर्थकों कहना है कि अगर उनको कारागार मंत्री बनाया गया तो इससे ‘समाज विरोधियों’ के पास कड़ा संदेश जाएगा.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर अखिलेश और शिवपाल के बीच अच्छा-खासा बवाल हुआ था.