लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बीजेपी अभी सरकार का गठन नहीं कर पाई है और न ही सीएम के नाम का ऐलान हुआ है लेकिन प्रदेश की अफसरशाही के अभी से पसीने छूट रहे हैं. दरअसल इसकी वजह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय के दो अधिकारी हैं.
इनमें पीएमओ में प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा और कैबिनेट सचिव आरके सिन्हा हैं. दोनों ही अधिकारी यूपी कैडर से आते हैं. यूपी की अफसरशाही को साफ पता है कि दोनों को राज्य के प्रशासनिक मामलों की अच्छी जानकारी है.
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि कई लोग बीजेपी का घोषणापत्र पढ़ने में लगे हैं और नर्ई योजनाओं को तैयार करने, पुरानी योजनाओं की समीक्षा में जुटे हैं.
सभी अधिकारियों को साफ लग रहा है कि नई सरकार के उनसे दो साल के अंदर ही सभी लक्ष्य पूरा करने के लिए कहेगी क्यों कि 2019 में बीजेपी को लोकसभा चुनाव लड़ना है.
इसके लिए जरूरी है कि चुनावी घोषणापत्र में कही सभी बातों को कम से कम 15 महीने में ही पूरा कर लिया जाए.
क्या बीजेपी के घोषणापत्र की खास बातें
1- कानून व्यवस्था
2- 24 घंटे पीने का पानी
3- बूचड़खानों को बंद करना
4- कृषि कर्ज माफी
5- गन्ना किसानों का भुगतान
6- 24 घंटे बिजली
इनमें 24 घंटे बिजली की आपूर्ति और किसानों की कर्ज माफी सबसे बड़ा मामला है. इसके अलावा बूचड़खाने बंद करने से रोजगार पर पड़ने वाले असर पर भी अधिकारी अध्ययन कर रहे हैं.