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बीजेपी का यह तेज-तर्रार नेता हो सकता है यूपी का नया सीएम, नाम- स्वतंत्र देव सिंह

उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए स्वतंत्र देव सिंह का नाम अब सबसे ऊपर चल रहा है. स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी के काफी करीबी हैं. उन्होंने बीजेपी में कार्यकर्ता से लेकर संगठनकर्ता तक का सफर तय किया है.लोकसभा चुनाव से लेकर यूपी विधानसभा चुनाव तक पीएम मोदी की सभी रैलियों को सफल बनाने का जिम्मा उन्हीं के पास था और अपनी संगठन क्षमता को उन्होंने साबित भी किया है.

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  • March 16, 2017 12:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ. उत्तर प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए बीजेपी विधायक दल की बैठक 18 मार्च की शाम 5 बजे लखनऊ में होगी. इस बैठक में पर्यवेक्षक के तौर पर बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव और केंद्री मंत्री वेंकैया नायडू हिस्सा लेंगे.
अभी तक मिल रही खबरों के मुताबिक स्वतंत्र देव सिंह और राजनाथ सिंह का नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा है. हालांकि राजनाथ सिंह ने यूपी का मुख्यमंत्री बनने से मना कर दिया है. वह यूपी में पहले भी सीएम रह चुके हैं.
यूपी के सीएम पद की रेस में स्वतंत्र देव सिंह का नाम नया है और वह ओबीसी जाति के समीकरणों के हिसाब से बिलकुल फिट बैठ रहे हैं. वह कुर्मी समाज से आते हैं और उरई के रहने वाले हैं.
पीएम मोदी के काफी करीबी
स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी के काफी करीबी हैं. उन्होंने बीजेपी में कार्यकर्ता से लेकर संगठनकर्ता तक का सफर तय किया है.लोकसभा चुनाव से लेकर यूपी विधानसभा चुनाव तक पीएम मोदी की सभी रैलियों को सफल बनाने का जिम्मा उन्हीं के पास था और अपनी संगठन क्षमता को उन्होंने साबित भी किया है.
वह एक बार एमएलसी भी रह चुके हैं. आरएसएस स्वयंसेवक रहे स्वतंत्र देव सिंह की छवि काफी ईमानदार है. इतने सालों से राजनीति में रहे स्वतंत्र देव के पास संपत्ति के नाम पर एक ही दोपहिया वाहन है.
कुशल संगठनकर्ता के रूप में पहचान
स्वतंत्र देव सिंह के बारे में बताया जाता है कि वह विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए शहरों में जाकर वहीं काम जमीन में जुड़कर काम करने लगते थे. उनके पास बूथ से लेकर मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं की जानकारी रखते हैं. 
अनुशासनप्रिय नेता
स्वतंत्र देव सिंह की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ जाना होता है. वह किसी से भी बूथ स्तर तक की जानकारी मांग सकते हैं. उनकी कार्यशैली के हिसाब से वह पीएम मोदी को काफी जंचते हैं
स्वतंत्रदेव सिंह का सियासी सफर 
1986- आरएसएस प्रचारक बने.
1988-89-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मंत्री.
1991- भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी.
1994- बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा के प्रभारी.
1996-युवा मोर्चा का महामन्त्री.
1998- फिर से भाजपा युवा मोर्चा का महामंत्री.
2001- भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष.
2004- विधान परिषद के सदस्य. 
2004 प्रदेश महामंत्री बने.
2004 से 2014 तक दो बार प्रदेश महामंत्री.
2010- प्रदेश उपाध्यक्ष बने.
2012- से अभी तक महामंत्री बने हुए.
 

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