पणजी. गोवा में सरकार बनाने से पीछे रह गई कांग्रेस में अब घमासान की खबरें हैं बताया जा रहा है कि नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक महासचिव और गोवा प्रभारी दिग्विजय सिंह से बेहद नाराज हैं और उनसे बहस भी कर डाली है.
इन विधायकों का आरोप है कि दिग्विजय सिंह ने गोवा की छोटी पार्टियां जो अब बीजेपी के साथ हैं, उनके साथ ठीक से बात नहीं की है. इसका फायदा बीजेपी ने पूरी तरह से उठा लिया.
गौरतलब है कि गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं. 40 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस मात्र 4 सीटें ही बहुमत से दूर थी.
कांग्रेस के विधायक राज्य में विधायक दल का नेता किसे चुनाव जाए इसके लिए पहले वह कांग्रेस आलाकमान का इंतजार करते रह गए.
इसी बीच बीजेपी ने नितिन गडकरी को गोवा पहुंचा दिया था. बातचीत में माहिर गडकरी ने वहां की छोटी पार्टियों के विधायकों का भरोस लिया और मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाने पर फैसला हो गया.
मतलब विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतने वाली बीजेपी वहां सरकार बनाने का पेश कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जो विश्वजीत पी. राणे ने कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठा दिया.
विपक्ष के नेता रहे राणे ने कहा कि यह हमारे नेताओं के कुप्रबंधन का नतीजा है. राणे कांग्रेस के नेता और गोवा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे बेटे है. विश्वजीत पी. राणे ने तो यहां तक कह दिया कि कई बार उन्हें लगता है कि वह गलत पार्टी में हैं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पार्टी छोड़ने का फैसला कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में कई तरह के विचार आ रहे हैं.
आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह को गोवा प्रभारी बनाकर भेजा गया था कि और उन्होंने वहां ट्वीट कर कहा कि हम गोवा के लोगों से माफी मांगते हैं क्योंकि हम सरकार नहीं बना सके