देहरादून: उत्तराखंड में सभी सीटों पर काउंटिंग शुरू हो चुकी है. उत्तराखंड में इस बार भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. शुरुआती रुझानों के मुताबिक 70 विधानसभा की सीटों में भाजपा कांग्रेस को पछाड़ते हुए 53 सीटों के साथ आगे चल रही है. उत्तराखंड में बीजेपी के जीत और कांग्रेस की हार के ये मुख्य कारण हैं…
बागी नेता बने मुसीबत-
विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझान के मुताबिक अगर कांग्रेस उत्तराखंड में हारती है तो इसकी सबसे बड़ी वजह उसके बागी नेता होंगे. पिछले साल उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ी बगावत हो गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड कांग्रेस के 9 बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इन नेताओं में विजय बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज और यशपाल आर्य शामिल थे.
सीएम हरीश रावत का स्टिंग-ऑपरेशन
सीएम हरीश रावत पर स्टिंग केस के चलते CBI उन पर जांच कर रही है. बता दें एक प्राइवेट टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग में CM रावत किसी शख्स से बात करते दिखे थे, जिसका चेहरा साफ नहीं है. विडियो में CM घूस देकर विधायकों का समर्थन हासिल करने की बात कर रहे थे. हरीश रावत की हार का ये भी बड़ा कारण हो सकता है.
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एक साल में बनें दो सीएम-
उत्तराखंड का हमेशा से ये इतिहास रहा है कि जब भी सरकार बनीं दो-दो साल में सीएम बदल दिए गए. 2012 के चुनाव की बात करें तो तब कांग्रेस सत्ता में आई. इस बार विजय बहुगुणा को कमान सौंपी गई. विजय बहुगुणा को दो साल सीएम रहने के बाद कांग्रेस ने हटा दिया और हरीश रावत को ताज पहना दिया.
आपदा के दौरान घोटाला-
बीजेपी ने जून 2013 में आई विनाशकारी आपदा के दौरान हुए आबाकारी घोटाले और लूट में मुख्यमंत्री रावत के शामिल होने के दावा किया था. इसके अलावा चुनावों से पहले बीजेपी ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए उनपर ये आरोप लगाया था कि हरीश रावत सरकार ने क्रिकेटर विराट कोहली को आपदा राहत फंड से 47 लाख का भुगतान किया है.
मोदी का आक्रमक प्रचार-प्रसार-
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री ने वहां चुनवा प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की लहर के कारण कांग्रेस चुनाव बुरी तरह हार सकती है.
कांग्रेस के लिए खटास-
उत्तराखंड के लोगों के मन में पिछले साल हुई कांग्रेसी नेताओं के बगावत की वजह से वहां के लोगों के मन में कांग्रेस के लिए कोई खास जगह नहीं है. इस वजह से बीजेपी पार्टी को अच्छा-खास बहुमत मिला है. जिससे पार्टी 50 सीटों के साथ आगे चल रही है.
पार्टी के अंदर जूतम-पैजात-
पार्टी आलाकमान की गलतियों के अलावा उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के कई नेताओं ने भी चुनावो में कई गलतियां की हैं जिनके कारण कांग्रेस हार का मुह देखने वाली है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक़ पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, कांग्रेस पार्टी सचिव अविनाश पांडे और हिमाचल प्रदेश के मंत्री बीएस बाली ने पार्टी आलाकमान से उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के कुप्रबंधन की शिकायत भी की है.
बागी नेताओं को बीजेपी ने दिया टिकट-
उत्तराखंड में कांग्रेस नहीं बल्कि हरीश रावत अकेले लड़ रहे हैं. कांग्रेस के पास उनकी छवि पर दांव लगाने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा था क्योंकि चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने पाला बदलकर बीजेपी का झंडा थाम लिया था. कांग्रेस के कई बागी नेताओं को बीजेपी ने इस बार चुनाव में टिकट भी दिया था. जिसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को चुनाव में हुआ.