कानपुर. बहुजन समाज पार्टी ने कानपुर में मतगणना केन्द्र पर अपने कैडेटों का पहरा बैठाया हुआ है. बसपा कैडेट 19 फरवरी को मतदान के बाद से ही यहां पर जमे हुए हैं. 2012 के चुनाव में यहां की चार सीटें समाजवादी पार्टी ने मामूली वोटों के अन्तर से बसपा से छीनी थी.
इसलिए बसपा गड़बड़ी की आशंका को लेकर बेहद सतर्क है और उसने ईवीएम पर अपना पहरा बैठा दिया है. इन नीले पहरेदारों की मानें तो पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सूबे के हर जिले में यही रणनीति अख्तियार की हुई है.
कानपुर के नौबस्ता गल्ला मण्डी को मतगणना केन्द्र बनाया गया है. जहां इन दिनों 100 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद रखी हुई है. हालांकि ईवीएम का रूम केन्द्रीय सुरक्षा बलों के हवाले है और 42 सीसीटीवी कैमरों से भी इनकी निगरानी हो रही है.
सुरक्षा ऐसी है कि परिन्दा भी पर न मार सके लेकिन बीएसपी को इन सारे तामजाम पर भरोसा नहीं है. पिछले पन्द्रह दिनों से उसके कार्यकर्ता मतगणना केन्द्र के बाहर शिविर लगाकर अपने पहरेदार बनकर बैठे हैं.
स्ट्रांग रूम की ओर आवाजाही पर इन नीले सिपाहियों ने अपनी नजरें गढ़ा रखी हैं ताकि अपने स्तर से भी वे वोटिंग मशीनों की हिफाजत कर सकें.
वहीं निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि स्ट्रांग रूम की तरफ जाने की किसी को इजाजत नहीं हैं बसपा ने मतगणना केन्द्र के बाहर कैम्प लगाकर बैठने की इजाजत चुनाव आयोग से ले रखी है.
गौरतलब है कि 11 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं जिसको लेकर सभी पार्टियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. इंडिया न्यूज-एमआरसी/इनखबर के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है लेकिन बहुमत से काफी दूर है.