Categories: राजनीति

वाराणसी, इटावा-रायबरेली नहीं, यहां बीजेपी जीते तो ही बनेगी यूपी में बीजेपी की सरकार !

गाजीपुर. उत्तर प्रदेश के  गाजीपुर जिले और बीजेपी की जीत के बीच गहरा रिश्ता है. यहां से बीजेपी की जीत-हार से तय होती है कि दिल्ली और लखनऊ के तख्त पर कौन बैठेगा. पढ़कर आपको थोड़ा हैरानी जरूर हुई होगी लेकिन चुनावी आंकड़ों से जुड़ी यह एक सच्चाई है.
1980 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गाजीपुर जिले की किसी भी सीट पर नहीं जीती, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी. यही स्थिति 1985 में भी और 1989 में भी रही.
राम लहर में भी हारी थी बीजेपी
1993 में राम लहर के बावजूद जिले की किसी भी सीट पर बीजेपी नहीं जीत सकी और यूपी की सत्ता से बाहर हो गई. 2007 के विधानसभा चुनाव में भी जिले की किसी भी सीट पर बीजेपी नहीं जीती और राज्य में बीएसपी की सरकार बनी. यही हाल 2012 में भी रहा और राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी.
जब पहली बार खुला था खाता
गाजीपुर जिले से बीजेपी के खाता 1991 में खुला जब जिले की 2 सीटों, गाजीपुर सदर से उदय प्रताप सिंह और जमनियां से शारदा चौहान जीते. इसी चुनाव में बीजेपी पहली बार यूपी की सत्ता में काबिज हुई थी. लेकिन सरकार दो साल ही चल पाई. बाबरी ढांचा गिरने के बाद तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया.
एक सीट पर जीती तो भी मिली सत्ता
1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गाजीपुर जिले की एक सीट जीती और राज्य की सत्ता में हिस्सेदार हो गई. बीजेपी और बीएसपी ने 6-6 महीने सरकार चलाने का अभूतपूर्व गठबंधन किया था.
1997 में जब 6 महीने की बारी के बाद मायावती बीजेपी को सत्ता देने के वादे से पलट गईं तोबीजेपी ने बीएसपी और कांग्रेस को तोड़ दिया और कल्याण सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बन गए.
अगले साढ़े चार साल में बीजेपी ने राज्य में तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े. पहले कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और आखिरी में राजनाथ सिंह सीएम बने.
जब कृष्णानंद राय बने थे विधायक
2002 में फिर विधानसभा चुनाव हुए और मुहम्मदाबाद से बीजेपी के कृष्णानंद राय विधायक बने. इस चुनाव में बहुमत किसी दल को नहीं मिला और इस बार भी बीजेपी को बीएसपी के साथ ही जाना पड़ा.
लेकिन एक साल बाद ही बीएसपी ने फिर पलटी मार दी. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी उन्हें ब्लैकमेल कर रही है और खुद अपनी सरकार गिरा दी.
बीजेपी फौरन चुनाव नहीं चाहती थी, लिहाजा बीजेपी के बैक डोर सपोर्ट से मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस और आरएलडी के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई. गाजीपुर से बीजेपी की जीत और सत्ता के आंकड़े विधानसभा में ही नहीं लोकसभा में भी सटीक बैठते हैं.
जब बनी केंद्र में सरकार
1980 से लेकर 1991 तक हुए लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट बीजेपी ने नहीं जीती और न ही केंद्र की सत्ता के नजदीक पहुंच पाई. गाजीपुर से पहली बार 1996 लोकसभा चुनाव में गाजीपुर से बीजेपी के मनोज सिन्हा सांसद बने और केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी. ये बात और है कि वाजपेयी की सरकार महज 13 दिन में ही गिर गई.
1998 रहा अपवाद
बाद में इंद्र कुमार गुजराल और एचडी देवेगौड़ा की अगुवाई में तीसरे मोर्चे की दो सरकारों ने दो साल तक राज किया. 1998 का लोकसभा चुनाव अपवाद रहा, जब गाजीपुर में बीजेपी के हारने के बाद भी केंद्र में वाजपेयी की सरकार बनी.
1999 में फिर खुला खाता  बीजेपी का खाता
1999 में फिर से चुनाव हुए और गाजीपुर से मनोज सिन्हा बीजेपी के सांसद चुने गए और पहली बार बीजेपी ने केंद्र में ऐसी सरकार बनाई, जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया. 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गाजीपुर सीट नहीं जीत सकी.
मोदी लहर पर भी सवार हुआ गाजीपुर
2014 में एक बार फिर बीजेपी के मनोज सिन्हा गाजीपुर से सांसद बने और केंद्र में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली. अब सबकी निगाहें 11 मार्च पर टिकी होगी क्योंकि एक बार फिर बीजेपी की धड़कन बढ़ाने के लिए गाजीपुर तैयार है.
admin

Recent Posts

कांग्रेस में बड़ी फूट! इस पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- दिल्ली में केजरीवाल ही जीतेंगे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी विरोधी बयान…

18 minutes ago

थार ने बरपाया कहर, छात्र की जान बाल-बाल बची, वीडियो वायरल

सीकर में बीच सड़क पर थार का आतंक देखने को मिला. चालक ने लापरवाही से…

31 minutes ago

AAP, बीजेपी या कांग्रेस… दिल्ली की फ्री रेवड़ी वाली रेस में कौनसी पार्टी आगे, जानें यहां

राजधानी दिल्ली में सियासी दंगल शुरू हो चुका है। पार्टियां अपना- अपना पाला मजबूत करने…

34 minutes ago

अमेरिका की लड़की को आदिवासी से हुआ प्यार, गुफा में प्रेमी के साथ कर रही था यहा काम…

कहते हैं कि जब प्यार होता है तो उसकी कोई सीमा नहीं होती। ये मिसाल…

50 minutes ago

तारक-मेहता में सोनू की किरदार निभाने वाली पलक सिंधवानी करतूते आई सामने, मोदी ने तोड़ी चुप्पी

लोग आपको आपके किरदार की वजह से जानते हैं, फिर चाहे वो पलक हो या…

54 minutes ago

इंदिरा गांधी के बारे में… पाकिस्तान को सबक सिखाया, कंगना के सांसद बनने का खुला राज

महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवई (Husain Dalwai) ने कंगना रनौत की…

1 hour ago