नई दिल्ली: राजनीति जो ना कराए, चुनावी रैलियों में एक दूसरे को पानी पी-पीकर बुरा भला कहने वाली धुर विरोधी पार्टियां चुनाव के बाद कब एक दूसरे से गठबंधन कर लें कुछ कहा नहीं जा सकता.
ऐसे ही कुछ संकेत आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिए हैं. बीबीसी हिंदी को दिए इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि वो नहीं चाहते कि बीजेपी रिमोट कंट्रोल से बीजेपी को चलाए और ना ही ये चाहते हैं कि यूपी में राष्ट्रपति शासन लगे. उन्होंने कहा यूपी में राष्ट्रपति शासन लगने से पहले वो बीएसपी से हाथ मिलाना पसंद करेंगे.
गौरतलब है कि चुनाव परिणाम से पहले आज यूपी समेत पांचों राज्यों का एक्जिट पोल आया है. इंडिया न्यूज-एमआरसी के एक्जिट पोल के मुताबिक यूपी में किसी को बहुमत नहीं मिल रहा है. हालांकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है.
एक्जिट पोल के हिसाब से सीटों की बात करें तो बीजेपी को यूपी में 185 सीटें मिल सकती है जबकि कांग्रेस-सपा गठबंधन को 120 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं बीएसपी को 90 सीटें मिलने का अनुमान है.
कैसे बन सकती है गठबंधन की सभावनाएं?
एक्जिट पोल की मानें तो 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में किसी को बहुमत नहीं मिल रही है. हालांकि बीजेपी 185 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है. लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 202 सीटों से बीजेपी फिर भी 17 सीटें दूर है.
एसपी- कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन की संभावनाओं पर विचार करें तो 120+90=210 यानी बहुमत के आंकड़े से आठ सीटें ज्यादा. वहीं बीजेपी और बीएसपी गठबंधन की संभावनाओं पर विचार करें तो 185+90=275 यानी बड़ी आसानी से सरकार बनती नजर आ रही है.
अन्य की होगी अहम भूमिका
तमाम समीकरणों के साथ ये नहीं भूलना चाहिए की अन्य के खाते में भी 8 सीटें जाती हुई नजर आ रही है. यदि अन्य की सीटें बढ़ती है तो बीजेपी अन्य के साथ मिलकर बहुमत के काफी नजदीक पहुंच सकती है.