दिल्ली. गैंगरेप के आरोपी और अखिलेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि गिरफ्तारी के आदेश पर रोक या बदलाव नहीं होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसने सिर्फ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अगर पुलिस ने गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया है तो उन्हें संबंधित कोर्ट में ही जाना होगा.
आपको बता दें कि गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक महिला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया है.
इतना ही नहीं प्रजापति ने इस घटना का पूरा वीडियो बना लिया और ब्लैकमेल कर पूरे तीन साल तक यौन शोषण किया. एक दिन प्रजापति ने उसकी बेटी के साथ भी रेप करने की कोशिश की है.
महिला की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद से पुलिस प्रजापति की तलाश में छापे मार रही है.
इसी बीच पुलिस ने निचली अदालत से गैर जमानती वारंट हासिल भी कर लिया है. गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली है.
मंत्री बने रहने पर भी उठ रहे हैं सवाल
गायत्री प्रजापति के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका मंत्री बना रहना भी सवाल खड़ा करता है.
खनन घोटाले का आरोप लगने के बाद सीएम अखिलेश ने उनको कैबिनेट से हटा दिया लेकिन बाद में यादव परिवार में घमासान के चलते अखिलेश ने उनको फिर से मंत्री बना दिया था.
गायत्री प्रजापति को मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव का खास समझा जाता है और उनको लेकर अखिलेश यादव भी कई बार मंच से बयान दे चुके हैं. गायत्री प्रसाद प्रजापति विधानसभा चुनाव में अमेठी से सपा प्रत्याशी हैं.
दिल्ली में तलाश रही है पुलिस
पुलिस को अंदेशा है कि गायत्री प्रजापति दिल्ली में कहीं पर छिपे हुए हैं उनका छोटा बेटा कोर्ट की कार्रवाई में वकील से साथ हिस्सा ले रहा है.