Categories: राजनीति

UP Election 2017 : 5 वें चरण के बाद का विश्लेषण, उभर रही है तस्वीर लेकिन बेहद धुंधली !

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छठे चरण की वोटिंग होनी है. क्या यह चुनाव 2019 की कोई तस्वीर पेश करेगा इसी सवाल का सबको इंतजार है.
लोकसभा चुनाव 2014 में शानदार सफलता के बाद बीजेपी के लिए इस विधानसभा चुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है.
मायावती का करियर भी इस चुनाव में दांव पर लगा है क्योंकि मायावती अगर इस चुनाव से सत्ता में नहीं आती तो पांच साल तक उनकी गाड़ी फिर चली जाएगी.
अखिलेश के लिए भी यह करने और मरने जैसा है, पूरे परिवार के ड्रामे के बाद उनकी साख दांव पर लगी है. अगर वो सत्ता में नहीं आते हैं तो न केवल उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े होंगे बल्कि पार्टी में विरोध के स्वर भी उठ सकते है.
उत्तर प्रदेश का चुनाव लगातार डूब रही कांग्रेस की नैय्या को पार लगाने में भी कारगर साबित हो सकता है.
दरअसल, गठबंधन की सरकार बनती है की नहीं कांग्रेस के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन अगर कांग्रेस की सीटें बढ़ती हैं तो यह न केवल राहुल गांधी के पक्ष में जायेगा बल्कि उत्तर प्रदेश में मरी हुई कांग्रेस को जीवित करेगा.
यह बात अलग है की राहुल गांधी को यह फायदा अखिलेश के साथ रोड शो करने से मिला हो लेकिन कांग्रेस इसे राहुल की ही सफलता बताएगी.
अभी तस्वीर साफ नहीं
जातीय समीकरण और धार्मिक ध्रुवीकरण के तीरों के बीच उत्तर प्रदेश में अभी भी चुनावी तस्वीर बेहद धुंधली है.
तमाम पार्टियां बहुमत का दावा भले कर रही हों लेकिन अभी तक के मतदान से कोई साफ तस्वीर नजर नहीं आ रही है. यूपी को ये साथ पसंद है- इस नारे की हकीकत सामने आना अभी बाकी है.
पहले तीन फेज में मुस्लिम वोटरों का रुझान सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ दिखा है लेकिन सपा का परंपरागत यादव वोट इस हिस्से में कम है.
लिहाजा सिर्फ मुस्लिम वोट का सहारा सपा को कितनी सीटें दिला पाएगा ये एक सवाल है. बीएसपी को हलके में लेना भी गलत होगा क्योंकि बीएसपी के मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे.
बीजेपी के योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज, संजीव बालयान और संगीत सोम जैसे बयानवीरों के जरिये बीजेपी ने चुनावी फिजा में भगवा रंग घोलने की पूरी कोशिश की लेकिन फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है.
मायावती का मुस्लिम-दलित समीकरण
सवर्णों में तो बीजेपी का असर दिखा लेकिन पिछड़ों और अति पिछड़ों को लुभाने की कवायद कितना रंग दिखा पाई है ये देखना अभी बाकी है.
पूरे यूपी में सबसे ज्यादा 99 मुस्लिम उम्मीदवारों को​ टिकट देकर मायावती ने दलित-मुस्लिम समीकरण से सपा के मुस्लिम-यादव वोट बैंक को काटने की कोशिश की है.
क्या मुस्लिम वोट एकतरफा डला या बंट गया यह एक बड़ा सवाल है. क्या पिछड़े और अति पिछड़े बीजेपी की तरफ खिसके या नहीं?
मुस्लिम समुदाय को भरोसे में रखने के लिए मायावती को हर रैली में कसम खानी पड़ रही है कि अल्पमत की सूरत में वो बीजेपी के साथ नहीं जाएंगी.
‘काम बोलता है’ के नारे को दरकिनार कर अखिलेश यादव और राहुल गांधी भी नरेंद्र मोदी पर हमलों के जरिये मुस्लिम वोटरों को लुभाने में लगे हैं.
निजी हमलों का आलम ये है कि सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को आतंकवादी करार दे डाला.
बुंदेलखंड को बसपा का गढ़ कहा जाता है. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की लहर के बावजूद भी यहां पर सपा और बसपा में बराबरी का मुकाबला हुआ था.
लेकिन, सरकार बनने के बाद न तो अखिलेश ने यहां की सुध ली और न ही लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसदों ने यहां की सुध ली.  अब ऐसे में बुंदेलखंड का गणित किस करवट बेठेगा यह तो परिणाम ही बताएगा .
मतदान में कमी पर सोचने की जरूरत
पांचवें चरण में मतदाताओं ने उदासीनता दिखाई बाकी चरणों की तरह इस चरण में जनता में जोश नहीं दिखाई दिया.
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में इस चरण में कुल 57.09 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस लिहाज से इस बार महज 0.27 प्रतिशत ही ज्यादा मतदान हुआ.
यह स्थिति तब हुई जब चुनाव आयोग ने अब तक 71.67 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ने का दावा किया है.
ऐसे में मतदान के लिए लोगों में उत्साह की कमी बड़ा सवाल है, जिस पर सियासी दलों को विशेष रूप से सोचने की जरूरत है.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 2012 के विधानसभा चुनाव से भी कम वोट पड़े थे, तब मतदान घटकर 55.58 फीसदी ही रहा था.
पांचवें चरण में अमेठी सीट से सपा के टिकट पर प्रदेश सरकार के विवादास्पद मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ-साथ कांग्रेस उम्मीदवार और राजघराने की दूसरी रानी अमिता सिंह, भाजपा प्रत्याशी एवं राजघराने की पहली रानी गरिमा सिंह के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है.
पर इसका नुकसान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन को ज्यादा है क्योंकि दोनों के उम्मीदवार मैदान में थे.
अयोध्या का खास महत्व
भाजपा को जमीन से आसमान पर पहुंचाने और दिल्ली से लेकर कई प्रदेशों तक में सत्ता में लाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाली अयोध्या तो जुड़ी ही है.
इस जमीन के लोगों की खासियत यह है कि जिससे खुश और संतुष्ट हुए तो उसे राज सिंहासन पर पहुंचा दिया और रूठे तो सिंहासन से जमीन पर ला पटका.
1991 में इस इलाके से 40 सीटें भाजपा को मिली थीं और उसने कल्याण सिंह के नेतृत्व में यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी.
जैसे-जैसे भाजपा की सीटें घटीं, वैसे-वैसे यूपी की सत्ता भाजपा से दूर होती चली गयी. 2007 में बसपा को यहां से 26 सीटों पर जीत मिली तो सूबे में उसकी सरकार बन गयी.
पिछले चुनाव में यहां के लोगों ने सपा की झोली में 37 सीटें डाल दीं तो सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी.
अटल बिहारी वाजपेयी और नानाजी देशमुख जैसे बड़े चेहरों को इसी जमीन ने सियासी ताकत दी तो यह खुद नरेंद्र मोदी के लिए भी कम भाग्यशाली नहीं रही है.
मोदी खुद कई बार बताते रहे हैं कि उन्हें बहराइच की धरती पर काम करने के दौरान दिल्ली बुला कर गुजरात का सीएम बनाने का संदेश दिया गया था.
इस बार सपा को भाजपा और बसपा से कड़ी चुनौती मिली है. पांच चरणों के चुनाव के बाद भी उत्तर प्रदेश का सिंहासन किसे मिलेगा इसकी तस्वीर अभी धुंधली है. जबकि मात्र दो चरणों का चुनाव ही बचा है.
admin

Recent Posts

300 यूनिट फ्री बिजली, लालडी बहन योजना से लेकर मंदिरों को सौगात.., दिल्ली फतेह करने के लिए BJP दे सकती है ये गारंटियां

आखिर में ही सही लेकिन बीजेपी ने भी दिल्ली में अपना सूखा समाप्त करने के…

8 minutes ago

महाकुंभ से पहले यूपी में HMPV वायरस ने दी दस्तक, लखनऊ में महिला पॉजिटिव, अलर्ट हुई योगी सरकार

HMPV वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, खांसने और छींकने से फैलता है।…

26 minutes ago

गोली मार दी गई, आतंकी का नाम आया सामने, राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने की रची साजिश!

पंजाब के फरीदकोट जिले के हरी नौ गांव में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह की हत्या…

27 minutes ago

तुम्हारी आत्मा को कभी शांति नहीं मिलेगी…नीना गुप्ता को फिल्ममेकर पर क्यों आया गुस्सा

प्रसिद्ध पत्रकार, कवि, सांसद और फिल्म निर्माता प्रीतिश नंदी का 8 जनवरी 2025 को 73…

29 minutes ago

हिजाब नहीं पहना तो होंगे रेप, भगोड़ा जाकिर नाइक ने उगला जहर, पाकिस्तानी महिलाओं ने किया गेट आउट

Zakir naik: भारत से भगोड़ा घोषित जाकिर नाइक कहता है कि बलात्कार और हत्या का…

34 minutes ago

Video: फटते ज्वालामुखी को देखने पहुंची लड़की, जान की बाजी लगाकर बनाई वीडियो, लोग बोले- बेवकूफी की हद नहीं

दुनिया के सबसे अधिक 130 सक्रीय ज्वालामुखी इंडोनेशिया में स्थित हैं। मालुकू उतारा प्रांत में…

45 minutes ago