वाराणसी. यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन आधा चुनाव लड़ चुका है.
अखिलेश यादव और राहुल गांधी को उम्मीद है कि यह गठबंधन उनके लिए अच्छे नतीजे देगा. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि दोनों पार्टियों के बीच कई बार मतभेद भी उजागर हो जाते हैं.
जिसकी वजह से गठबंधन के प्रत्याशी सकते हैं. खबर है कि पिछले 10 दिनों के अंदर वाराणसी में दो बार रोड शो रद्द कर दिया गया है.
दरअसल बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का सपा में शामिल होने का विरोध कर सीएम अखिलेश यादव कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के पक्ष में प्रचार नहीं करना चाहते हैं.
अजय राय लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी रह चुके हैं. उनकी छवि वाराणसी में बाहुबली के तौर पर जानी जाती है.
उनके ऊपर कई मुकदमे भी चल रहे हैं. ऐसे में अखिलेश नहीं चाहते हैं कि अजय राय का प्रचार करने पर उनको चुनाव के बीच में ही सफाई देनी पड़ जाए.
आपको बता दें कि 2015 में गंगा में मूर्ति विसर्जन के लेकर साधु-संतो के प्रदर्शन के दौरान हुई मारपीट और हिंसा के मामले में अजय राय को गिरफ्तार किया जा चुका है.
उनके खिलाफ पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की थी. हाइकोर्ट ने बाद एनएसए को खारिज कर दिया था और अप्रैल 2016 में उनको जमानत दे दी गई.
बात करें अखिलेश यादव के रोड शो की तो प्लान तय करने के बाद भी सपा में इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. हालांकि कहा गया कि सुरक्षा और रोड शो के रूट को लेकर अनुमति नहीं मिली है.
लेकिन सूत्रों के मुताबिक खबर है कि सीएम अखिलेश ने पिंडारा से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय प्रचार करने के पक्ष में नहीं है.
जिसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिंडारा में अकेले ही 2 मार्च को एक रैली को संबोधित करेंगे.
इसके बाद हो सकता है कि राहुल और अखिलेश दोनों ही वाराणसी में एक रोड शो करें. लेकिन इस कार्यक्रम को पिंडारा से दूर ही रखा जाएगा.
आपको बता दें कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 8 विधानसभा सीटे हैं. जिसमें सपा और कांग्रेस 4-4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जाहिर है यहां पर अखिलेश और राहुल के चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के ही निशाने पर रहने वाले हैं.