लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव के बाकी चरणों में बीजेपी महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में मिली जीत और नोटबंदी के फैसले को भुनाने की तैयारी कर रही है.
नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष ने भले ही केंद्र की मोदी सरकार को गरीब विरोधी बताकर सड़क से लेकर संसद तक घेरने की कोशिश की हो लेकिन इसका असर आम जनता पर अभी तक तो पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है.
नोटबंदी के बाद से जहां भी चुनाव हुए हैं वहां पर बीजेपी के पक्ष में नतीजे आए हैं. विपक्ष एक ओर जहां इस फैसले की कमियां गिनाता रहा है वहीं निकाय चुनाव को फैसले के बाद बीजेपी इसे जनता की मुहर बता रही है.
नोटबंदी के बाद कहां-कहां जीती है बीजेपी
गुजरात निकाय चुनाव- पाटीदार आंदोलन के बाद से माना जा रहा था कि बीजेपी के हाथ से इस बार गुजरात निकलने वाला है. इस आंदोलन के चलते बीजेपी ने आनंदी बेन को सीएम की कुर्सी से भी हटा दिया था और उनकी जगह विजय रुपानी सीएम बना दिए गए.
फिर बात बनती दिखाई नहीं दे रही थी इसके बाद गुजरात में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को लगा था कि इस चुनाव में अगर बाजी मार ले जाती है तो विधानसभा चुनाव में उसकी जीत पक्की मानी जाएगी लेकिन नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए.
आपको बता दें कि नोटबंदी के फैसले के तुरंत बाद यह चुनाव हुआ था. उसके बाद भी जिस तरह के नतीजे आए उससे तो यही लगा कि कांग्रेस गुजरात में अभी कहीं नहीं है.
चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव- बीजेपी-अकाली गठबंधन ने 26 में से 21 सीटें पर कब्जा जमाया था. कांग्रेस को मात्र 4 ही सीटें मिली थीं.
इस चुनाव की खास बात यह थी कि इसमें एक मात्र मुद्दा नोटबंदी ही था. चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग रहता है. कांग्रेस ने यहां पर नोटबंदी का ही मुद्दा उछाला था. लेकिन फिर उसे 4 ही सीटें मिल पाईं.
ओडिशा निकाय चुनाव- 14 फरवरी ओडिशा में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर जो नतीजे आए हैं वह बीजू जनता दल के लिए बड़ी मुश्किल बन गए हैं. बीजेपी ने यहां पर चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है. कांग्रेस यहां पर तीसरे नंबर पर चली गई है.
188 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेडी के 96, बीजेपी को 71 और कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें ही मिल पाई हैं. पांच साल पहले बीजेपी को यहां पर सिर्फ 36 सीटें मिली थीं. यह चुनाव भी नोटबंदी के बाद ही हुआ है.
महाराष्ट्र निकाय चुनाव- शिवसेना से अलग होने के बाद ऐसा लग रहा था कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव में बीजेपी की हालत खस्ता हो जाएगी. लेकिन 10 नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी 8 में कब्जा जमाने की स्थित में आ गई है.
वहीं एशिया की सबसे बड़ी म्युनिसपल कारपोरेशन कही जाने वाली मुंबई में जहां शिवसेना को 84 सीटें मिली हैं तो बीजेपी को 81 सीटें मिलीं.
इन नतीजों को देवेंद्र फड़नवीस ने केंद्र सरकार की नीतियों पर मुहर बताया है. बीएमएसी चुनाव में बीजेपी को पिछले चुनाव से 50 सीटों का फायदा हुआ है.
बात करें कांग्रेस की तो उसकी हालत और खराब हो गई है. अब तो वह कई जगहों पर विपक्ष के लायक भी नहीं है.
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