इंफाल. मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) के प्रत्याशियों को अलग-अलग सिंबल दिया गया है जिसको लेकर शनिवार की देर रात तक प्रदर्शन जारी रहा.
एमपीपी का चुनाव चिन्ह साइकिल है जबकि कुछ उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह पेट्रोलपंप दे दिया गया है. चुनाव आयोग का कहना है कि अब किसी भी का सिंबल बदला नहीं जाएगा.
दरअसल अदालत के एक निर्णय के हिसाब से मणिपुर पीपुल्स पार्टी की मान्यता रद्द कर दी गई थी. इसके बाद एन सोवारकिरन वाले गुट को एमपीपी की मान्यता दे दी गई.
इस हिसाब से कुछ प्रत्याशियों को पार्टी के सिंबल साइकिल की जगह पेट्रोल पंप दिया गया है. चुनाव आयोग ने बताया गया है कि एन. सोवाकिरन और उनसे जुड़े कुछ नेताओं को दूसरे चरण के चुनाव के लिए एमपीपी का चिन्ह साइकिल ही दिया गया है.
आयोग का कहना है कि कोर्ट में मामला चल रहा था और फैसला आने के बाद इतना कम समय बचा था कि नामांकन की जांच दोबारा नहीं की जा सकती थी. इसलिए पहले चरण के प्रत्याशियों को पेट्रोल पंप ही दिया जा सका.
क्या है चुनावी गणित
4 मार्च को मणिपुर में पहले चरण के लिए मतदान होगा. इस दौर के लिए 38 विधानसभा सीटों के 168 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें 11 निर्दलीय हैं.
इस राज्य में बीजेपी बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रही है. जबकि कांग्रेस ने यहां पर चुराचंदपुर और कांगपोकी विधानसभा सीट से कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. ज्यादातर विधानसभा सीटों में सीधी लड़ाई है.
आपको बता दें कि चुराचंदपुर से कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. तोनशिंग को टिकट दिया था लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने कांग्रेस से ही इस्तीफा दे दिया है. राज्य में कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.
इसके अलावा कई आदिवासी नेताओं पर भी आरोप है कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ें. इसी तरह विधायक नीमचा किप्जेन ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. इस बार वह कंगपोकी विधानसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी हैं.