लखनऊ. अखिलेश सरकार में सबसे विवादित मंत्री और अमेठी विधानसभा सीट से प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोप में उन पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है.
इसके साथ ही अदालत ने यूपी पुलिस से हफ्ते भर में रिपोर्ट मांगी है. आपको बता दें कि एक महिला ने आरोप लगाया था कि वह तीन साल पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति से मिली थी उस समय उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया था और कुछ तस्वीरें उतार ली थीं.
इसके बाद ब्लैकमेल कर और कई दिनों तक यौन शोषण करता रहा. गायत्री प्रसाद प्रजापति पूरे चार साल अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं और इस दौरान उन पर अवैध खनन का भी आरोप लगा.
वह मुलायम सिंह यादव और शिवपाल के काफी करीबी माने जाते हैं. लेकिन जब अवैध खनन के मामले में सीबीआई उन पर शिकंजा कसना शुरू किया तो सीएम अखिलेश ने उनको तुरंत मंत्रिमंडल से निकाल दिया.
माना जाता है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति का मंत्रिमंडल से बाहर निकाल देना भी यादव परिवार में झगड़े की बड़ी वजह बन गया था. सीएम अखिलेश ने तो खुलेआम प्रजापति पर आरोप लगाया था.
लेकिन बाद में मुलायम के दबाव के चलते अखिलेश ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिमंडल में दोबारा जगह दे दी और इतना ही नहीं उनको विधानसभा चुनाव का टिकट भी दे दिया गया.
बताया जाता है कि कुछ साल पहले तक गायत्री प्रसाद प्रजापति का नाम बीपीएस कार्ड धारकों में दर्ज था लेकिन अब वह अपने इलाके में सबसे रईस शख्स माने जाते हैं.