पुण्यतिथि: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एक ही बैठक में लिख डाला था ‘चन्द्रगुप्त’ नाटक, जानें उनसे जुड़ी कई अनसुनी बातें…

देश के महान चिन्तक और संगठनकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज पुण्यतिथी है. आज ही के दिन साल 1968 में उन्हें एक ट्रेन में यात्रा के दौरान मृत पाया गया था. पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेती भी रहे हैं.

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पुण्यतिथि: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एक ही बैठक में लिख डाला था ‘चन्द्रगुप्त’ नाटक, जानें उनसे जुड़ी कई अनसुनी बातें…

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  • February 11, 2017 5:22 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: देश के महान चिन्तक और संगठनकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज पुण्यतिथी है. आज ही के दिन साल 1968 में उन्हें एक ट्रेन में यात्रा के दौरान मृत पाया गया था. पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेती भी रहे हैं.
 
 
पंडित उपाध्याय सरल और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे. राजनीति के अलावा उनकी साहित्य में भी गहरी रुचि थी. कई हिंदी और अंग्रेजी के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे. इतना ही नहीं केवल एक बैठक में ही उन्होंने चन्द्रगुप्त नाटक लिख डाला था.
 
 
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्‍बर साल 1916 में मथुरा जिले के छोटे से गाँव नगला चन्द्रभान में हुआ था. इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय और माता का नाम रामप्यारी था. इनके पिता रेलवे में कार्यरत थे. केवल 3 साल की मासूम उम्र में दीनदयाल पिता के प्यार से वंचित हो गये. पति की मृत्यु से माँ रामप्यारी भी बीमार रहने लगीं और  8 अगस्‍त 1924 को इनका भी देहान्‍त हो गया. केवल सात वर्ष की कोमल अ‍वस्‍था में दीनदयाल जी माता पिता के प्यार से वंचित हो गये.
 
पंडित उपाध्याय ने पिलानी, आगरा और प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने बीएससी और बीटी करने के बाद भी नौकरी नहीं की. बचपन से ही वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता हो गये थे. यही वजह रही की कालेज छोड़ने के तुरन्त बाद वो आरएसएस के प्रचारक बन गये. 
 
साल 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना के बाद वो इसके संगठन मन्त्री बनाये गये. दो साल बाद साल 1953 में पंडित उपाध्याय अखिल भारतीय जनसंघ के महामन्त्री निर्वाचित हुए. 11 फरवरी 1968 की रात में रेलयात्रा के दौरान मुगलसराय के आसपास उनकी हत्या कर दी गयी.

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