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UP Election 2017 : 11 फरवरी को ईवीएम में बंद होगी कई दिग्गजों की किस्मत

लखनऊ. आखिरकार वो क्षण आ ही गया, यूपी में कल पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे और इसमें करीब 2.60 करोड़ मतदाता पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 73 सीटों पर उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में कल बंद कर देंगे.
पूरे देश की निगाहें इस पहले चरण पर है, यहां का मूड कई दिग्गजों का भविष्य तय करेगा. जिनमें देश के गृहमंत्री, कल्याण सिंह के पोते से लेकर कई बाहुबली भी शामिल हैं.
1- पंकज सिंह
नोएडा से देश के गृहमंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के पंकज सिंह मैदान में हैं. जिनक टिकट पिछले दो चुनावों से ऐन वक्त पर काट दिया जाता रहा है.
लेकिन इस बार पंकज के टिकट के लिए बीजेपी की मौजूदा विधायक बिमला बाथम का टिकट काट दिया गया. उनके चुनाव अभियान की कमान केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा के हाथों में है.
2- संदीप सिंह
कल्याण सिंह ने अपनी खानदानी सीट अतरौली से इस बार अपनी पुत्रवधू की जगह पोते संदीप को मौका दिया है, हमेशा कल्याण सिंह के कब्जे में रही ये सीट कल्याण परिवार पिछली बार उस वक्त हार गया, जब परिसीमन के चलते कई लोधों वाले गांव दूसरी सीट में चले गए और ये सीट यादव बाहुल्य हो गई. खतरा इस बार भी ऐसा ही है.
3- मृगांका सिंह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के एक और दिग्गज सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह भी इस बार चुनाव मैदान में है. फौज में कैप्टन पद से रिटायर्ड हुकुम सिंह सात बार एमएलए रहे और 2014 में एमपी बने.
जब उन्होंने अपनी अपनी खाली की हुई कैराना विधानसभा की सीट पर निजी स्कूल चैन चलाने वाली अपनी बेटी मृगांका का नाम आगे किया तो पार्टी में ही सवाल उठे.
लेकिन उन्होंने यह कर बचाव किया कि 2019 का चुनाव वह नहीं लड़ेंगे. उनकी पांच बेटियां है, पिछली बार जब उन्होंने भतीजे अनिल को बीजेपी की टिकट पर लड़ाया तो केवल 1000 वोट से हार गया.
मृगांका की असली मुसीबत वही है, इस बार टिकट तो उन्हें मिल गई, लेकिन गुर्जरों के वोट उनका चचेरा भाई ही काटेगा, जो आरएलडी से उसी सीट पर लड़ रहा है.
4- लक्ष्मीकांत बाजपेई
मेरठ से बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई भी मैदान में हैं, सादगी से भरे लक्ष्मीकांत की अच्छी छवि है, लेकिन मुस्लिम वोटों का बंटवारा ही उनका भविष्य तय करेगा.
5- मोहम्मद याकूब
मेरठ दक्षिण से हाजी मोहम्मद याकूब इस बार बसपा के टिकट पर लड़ रहे हैं, जो पिछली बार सरधना से संगीत सोम के मुकाबले रालोद के टिकट पर लड़कर पचास हजार वोट से हार गए थे.
6- शाहिद मंजूर
किठौर से अखिलेश के मंत्री शाहिद मंजूर फिर मैदान में हैं, तीन बार से विधायक हैं, किठौर को अपनी जागीर समझते हैं.
7- प्रदीप माथुर
मुकाबला मथुरा में भी काफी दिलचस्प रहने वाला है लोकसभा सीट भले ही जाट हेमा मालिनी के करिश्मे के चलते बीजेपी के हाथ में हों, लेकिन विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रदीप माथुर का कब्जा है, जो तीन बार विधायक रह चुके हैं.
इस बार पार्टी ने मथुरा के ही श्रीकांत शर्मा को उतारा है, जो मथुरा में कम और दिल्ली के दफ्तर मे ज्यादा रहे हैं, लेकिन लोग उन्हें टीवी पर लगातार दिखने के चलते जानते हैं, हालांकि शहरी वोटों को नुकसान मशहूर ब्रजवासी मिठाई के मालिक भी करेंगे, जो आरएलडी से खड़े हैं.
8- गौरव स्वरूप बंसल
इसी तरह  मुजफ्फरनगर सदर से पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरूप के पुत्र गौरव स्वरूप बंसल मैदान में हैं, सपा के प्रत्याशी है.
9- पक्षालिका सिंह
आगरा से ऐन मौके पर सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए राजा अरिदमन सिंह की पत्नी रानी पक्षलिका सिंह आगरा के बाह सीट से चुनाव मैदान में हैं. मजे की बात ये है कि वो सपा से टिकट लाने के बाद बीजेपी में शामिल हुईं.
10- शहनवाज राणा
इधर  मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से राष्ट्रीय लोकदल के शाहनवाज राणा चुनाव मैदान में हैं. रालोद के दिग्गज नेता माने जाते हैं.
12- वीरेंद्र सिंह और गुड्डू पंडित
बुलन्दशहर से पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह सिरोही और भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित चुनाव लड़ रहे हैं। सिरोही को भाजपा से टिकट मिला तो गुड्डू सपा से निकाले जाने के बाद बीजेपी की टिकट की आस में अरसे तक फंसे रहे. अब रालोद की टिकट पर वो खुद बुलंद शहर से और उनका भाई शिकार पुर से चुनाव लड़ रहा है.
13- राहुल यादव
बुलंदशहर के सिकंदराबाद से सपा की टिकट पर लड़ रहे राहुल यादव का भी, जो लालू यादव के दामाद हैं.
14- मदन भैया
राष्ट्रीय लोकदल और बीएसपी ने इस बार कई ऐसे बाहुबलियों या दलबदलुओं का मौका दिया, जिन्हें कहीं और से आस नहीं थी. लोनी से रालोद ने मदन भैया को अपनी टिकट पर चुनाव में उतारा है. पिछली बार इस सीट से हारने के बाद मदन भैया ने काफी तैयारी इस सीट पर की है.
15-संगीत सोम/सुरेश राणा/उमेश मलिक/विक्रम सैनी/कपिलदेव/ मौसम चौधरी
मुजफ्फरनगर दंगों में जिन-जिन का नाम आया था, बीजेपी समेत सभी पार्टियों ने उनका टिकट दोहरा दिया है. जिनमें संगीत सोम, सुरेश राणा, उमेश मलिक, विक्रम सैनी, कपिल देव और मौसम चौधरी की पत्नी शुचि चौधरी भी शामिल हैं.
16- रामवीर उपाध्याय
इस बार फिर से बीएसपी में सतीश चंद्र मिश्रा के बाद दूसरे नंबर के दिग्गज ब्राह्मण नेता रामवीर उपाध्याय की इज्जत और किस्मत दोनों दांव पर होगी.
हाथरस से तीन बार विधायक रहने के बाद जब हाथरस सीट सुरक्षित हो गई तो बमुश्किल वो सिंकंदराराऊ से जीते और इस बार सादाबाद से लड़ रहे हैं.
अपनी सीट ही नहीं अपने भाई की सीट और वेस्ट यूपी में ब्राह्मण वोटों को हाथी के पाले में लाने की जिम्मेदारी भी उन्ही पर है. इस बार उनके लिए राह मुश्किल ही है.
उनकी अपनी सीट हाथरस से एससी मोर्चा के राष्ट्रीय नेता हरीशंकर माहौर को बीजेपी से टिकट मिलने के बाद वो सीट वापस बीएसपी से बीजेपी में जाने की संभावना है.
माहौर पहले सासनी से बीजेपी विधायक रह चुके हैं  तो ये देखना वाकई में दिलचस्प होगा कि 11 फरवरी का शनि किस-किस दिग्गज पर भारी पड़ता है.
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