लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होने के बावजूद 14 सीटों पर दोनों दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. वहीं, अपना दल के साथ बीजेपी का गठबंधन टूटने की कगार पर है.
अमेठी के राजा संजय सिंह ने अमेठी से भावनात्मक जुड़ाव की दलील देकर अपनी पत्नी अमीता सिंह का नामांकन कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर करवा दिया. 6 फरवरी को यहीं से समाजवादी पार्टी की ओर से गायत्री प्रजापति पर्चा भर चुके हैं. वहीं, बीजेपी ने संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को उतार दिया है.
राज्य की कुल 14 सीटों पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आपस में टक्कर है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अपने करीबी को फूलपुर की सोरांव सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाकर केंद्रीय मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को नाराज़ कर दिया. समझौते के तहत ये सीट अपना दल को मिली थी. अनुप्रिया पटेल ने अब गठबंधन तोड़ने की धमकी दे दी है.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए समझौते के मुताबिक समाजवादी पार्टी को 300 सीटों पर और कांग्रेस को 103 सीटों पर चुनाव लड़ना था. लेकिन 14 सीटें ऐसी हैं जिन पर दोनों ही दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. इनमें अमेठी और गौरीगंज के अलावा कानपुर कैंट और लखनऊ सेंट्रल की सीटें शामिल हैं.
दूसरी तरफ, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अनुप्रिया पटेल के बीच हुई बातचीत के बाद बीजेपी ने अपना दल के लिए 12 सीटें छोड़ दी थी. लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि अपना दल ने बीजेपी को मिली चार सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. इनमें से दो सीट प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की हैं. अपना दल ने धमकी दी है कि अगर विवाद नहीं सुलझा तो सारी सीटों पर दोनों के बीच दोस्ताना मुकाबला हो सकता है.
अंदर की बात ये है कि अपनी मां और बहन से विवाद के बाद अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल के सामने खुद को अपने पिता सोनेलाल पटेल की असली वारिस साबित करने की चुनौती है.
अमेठी में यही चिंता कांग्रेस नेता डॉक्टर संजय सिंह को भी है, जो अमेठी के पूर्व राजघराने के वारिस हैं. अमेठी में बीजेपी अगर संजय सिंह की पहली पत्नी को उम्मीदवार ना बनाती, तो संजय सिंह यहां से अपनी पत्नी अमिता सिंह को लड़ाने की जिद छोड़ भी सकते थे. लेकिन, अब उन्होंने अमेठी को निजी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है.