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Uttrakhand Election 2017: सीएम उम्मीदवार का न होना बढ़ा सकता है BJP की मुश्किलें

उत्तराखंड में 15 फरवरी को चुनाव होने जा रहा है. बीजेपी ने राज्य में कमजोर पड़ चुकी कांग्रेस के खिलाफ कई बड़े नेता उतारे हैं. इसका बीजेपी को फायदा तो मिल सकता है लेकिन मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा न करना उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.

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  • February 9, 2017 2:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : उत्तराखंड में 15 फरवरी को चुनाव होने जा रहा है. बीजेपी ने राज्य में कमजोर पड़ चुकी कांग्रेस के खिलाफ कई बड़े नेता उतारे हैं. इसका बीजेपी को फायदा तो मिल सकता है लेकिन मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा न करना उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.
 
बीजेपी ने उत्तराखंड चुनावों के लिए अपने सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. इसकी वजह पार्टी में कलह को हवा देने से बचना भी हो सकता है लेकिन इसका खामियाजा भी पार्टी को उठाना पड़ सकता है. 
 
हरीश रावत का विकल्प नहीं
कांग्रेस हरीश रावत जैसे एक निश्चित नाम के साथ उत्तराखंड चुनावों उतर रही है. वहीं, बीजेपी ने लोगों के सामने किसी चेहरे का न पेश कर उन्हें असमंजस की स्थिति में छोड़ दिया है. पार्टी में मौजूद कई बड़े नेता इस उलझन को और बढ़ा सकते हैं. लोगों के सामने ये सवाल खड़ा हो सकता है कि हरीश रावत के बदले वो किसे चुनें.
 
 
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हरीश रावत के विकल्प के तौर पर अगर बीजेपी एक साफ-सुथरी छवि वाला सीएम उम्मीदवार पेश करती तो उसे फायदा हो सकता था. इससे लोगों के लिए चुनना ज्यादा आसाना होता क्योंकि उनके सामने सीधे तौर पर दो विकल्प मौजूद होते. 
 
पीएम मोदी करेंगे रैली
कांग्रेस से बीजेपी में आए बड़े नेताओं की भरमार सिर्फ मतदाताओं की उलझन बढ़ाएंगे और ये बात बीजेपी का नुकसान और कांग्रेस का फायदा कर सकती है. हालांकि, बीजेपी के कद्दावर चेहरे अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शहनवाज हुसैन समर्थन जुटाने के लिए राज्य में पहले ही होकर आ चुके हैं और अब पीएम मोदी भी वहां रैलियां करने वाले हैं. 
 
 
हालांकि, बीजेपी सीएम उम्मीदवार के न होने को कोई समस्या नहीं मानती. बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘हमारे पास इस पद के योग्य नेताओं की भरमार है. सत्ता में आने के बाद पार्टी का संसदीय बोर्ड इस मसले पर फैसला लेगा. बीजेपी ने बिना सीएम उम्मीदवार के हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव जीते हैं.’ 

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