लखनऊ. सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद से यूपी में बीजेपी को दोहरी चुनौती मिल रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है.
वहीं मायावती भी दलित-मुस्लिम वोट बैंक को साधने में जुटी हैं. लेकिन बदलते समीकरणों के बीच बीजेपी के लिए एक तरह का रास्ता भी खुलता हुआ दिखाई हो रहा है.
सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीएसपी के बीच इस समय मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने के लिए जंग छिड़ी हुई है. अगर मुसमानों के वोट बैंक का बिखराव होता है और बीजेपी कुछ हिंदू वोटरों ( जिसमें सभी जातियां को मिलाकर) को एक पाले में करने मेंकामयाब हो जाती है तो निश्चित तौर यह उसके लिए राह आसान कर लेने वाली बात होगी.
इस चुनाव में मुस्लिम वोट सपा और बीएसपी के लिए कितना महत्व रखते हैं इसका अंदाजा आप टिकट वितरण से लगा सकते हैं.
बीएसपी ने तो 99 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं. 2012 में के चुनाव में 26 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव हारे थे जिसकी वजह मुसलमानों के वोटों का बिखराव था.
इन सीटों में कई सीटों पर जीत का अंतर काफी कम था. सहारनपुर की नकुद सीट पर बीजेपी के धर्म सिंह सैनी जीते थे. यहां पर कांग्रेस के इमरान मसूद और सपा के फिरोज अफताब के बीच अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा हुआ था.
वहीं मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी रह चुके बीजेपी के सुरेश राणा थाना भवन सीट से मात्र 265 वोटों से जीते थे यहां पर आरएलडी प्रत्याशी अशरफ अली खान को 53 हजार और बीएसपी के अब्दुल वारिस को 50 हजार वोटें मिली थीं.
मेरठ में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई भी मुस्लिम वोटों के बिखराव की वजह से जीत गए थे. ऐसा ही सहारनपुर सिटी (बीजेपी), गंगोह (कांग्रेस), कैराना (बीजेपी), बिजनौर (बीजेपी), नूरपुर (बीजेपी), असमोली (सपा), मेरठ दक्षिण (बीजेपी), सिकंदराबाद (बीजेपी), फिरोजाबाद (बीजेपी) सीटों पर भी मुस्लिम वोटों का बिखराव हुआ था.
इस बार सबसे रोचक समीकरण रामपुर की स्वार सीट का भी है जहां रामपुर के नवाब काजिम अली बीएसपी से और सपा से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम मैदान में हैं. वहीं इस सीट पर बीजेपी ने लक्ष्मीकांत सैनी को मैदान में उतारा है.
मेरठ दक्षिण में बीएसपी के हाजी याकूब औऱ सपा-कांग्रेस गठबंधन आजाद सैफी मुसलमानों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं बीजेपी ने यहां से सुरेंद्र तोमर को मैदान में उतारा है.
अलीगढ़ सिटी से संजीव राणा की छवि भी हिंदूवादी नेता की है. इस सीट पर बीएसपी ने आरिफ अब्बास और सपा ने जफर आलम को टिकट दिया है.
आगरा दक्षिण से तीन मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं जिसमें बीएसपी से जुल्फिकार अली भुट्टो, सपा-कांग्रेस से नजीर अहमद एआईएमआईएम से इदरीश मैदान में हैं. बीजेपी ने यहां से योगेंद्र उपाध्याय को टिकट दिया है.
फिरोजाबाद में बीजेपी ने मनीष असीजा को टिकट दिया है उनके सामने बीएसपी के खालिद नसीर और सपा के आजिम भाई और एआईएमआईएम से ऐहताशम हैं.
इसी तरह गाजियाबाद की लोनी सीट से बीएसपी से विधायक जकीर अली, सपा से रशीद मलिक, आरएलडी से मदन भैया और बीजेपी की ओर से नंद किशोर गुर्जर हैं.
इसके अलावा बदांयु, कानपुर कैंट, खलीलाबाद, लखनऊ पश्चिम में भी मुस्लिम प्रत्याशी आमने-सामने हैं और बीजेपी को मुस्लिम वोटों के बिखराव का फायदा उठाने का मौका दे रहे हैं.