नई दिल्ली : राजनीतिक रुप से सबसे महत्वपूर्ण राज्य, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होगा. वहीं जाटों के प्रभाव वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी और 15 फरवरी को दो चरणों में मतदान होगा.
इस क्षेत्र की सभी सीटों पर जाट मतदाता बड़ी संख्या में हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है. बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 33 फीसद मुसलमान और 17 फीसद जाट हैं.
पिछले विधानसभा चुनावों में रालोद ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे सिर्फ 9 सीटों पर ही जीत मिली थी. 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी.
यूपी में कांग्रेस और सपा का गठबंधन हो जाने के बाद से राष्ट्रीय लोकदल के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि इससे रालोद को भारी नुकसान हो सकता है. रालोद के नेता अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी इस समय रालोद के जनरल सेक्रेटरी हैं और वे ही पार्टी का चेहरा हैं. पार्टी की कमान उनके ही हाथों में है.
पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को इस क्षेत्र से 29 सीटें मिली थीं. माना जा रहा है कि रालोद का मुख्य मुकाबला बीएसपी से ही है. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद रालोद का वोटबैंक छिटकर बीजेपी की तरफ चला गया था. अगर जाट फिर से रालोद को वोट देते हैं तो बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है.