नई दिल्ली : बीजेपी के गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी उत्तर प्रदेश की 64 विधासभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. सांसद की पार्टी ने बीजेपी से बगावत शुरु कर दिया है. आदित्यनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी उनकी अनदेखी कर रही है.
हियुवा के कुछ उम्मीदवारों के नाम तय भी हो गए हैं. योगी के अपमान से भड़की हियुवा को अपमान बर्दश्त नहीं हुआ है. हियुवा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने एक बैठक में अपने उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में उतारने का ऐलान किया.
बता दें कि संगठन अपने उम्मीदवारों को टिकट न मिलने से बहुत नाराज है. उसकी यह भी मांग थी की योगी को बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए. योगी आदित्यनाथ का संगठन हियुवा 2002 के विधानसभा चुनाव से बीजेपी का समर्थन करता रहा है.
योगी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया. यहां तक की योगी विरोधियों को टिकट दे दिया गया. शीर्ष नेतृत्व के फैसले से योगी बहुत नाराज चल रहे थे. योगी के अलग चुनाव लड़ने के फैसले से बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है.
लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को भारी सफलता दिलाने में अहम योगदान देने वाले योगी आदित्यनाथ को कैबिनेट में कोई जगह नहीं दी गई थी. मंत्रिमंडल विस्तार में भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिला. आदित्यनाथ को पुर्वांचल में बीजेपी का बड़ा चेहरा माना जाता है. क्षेत्र की लगभग 12 लोकसभा सीटों पर उनका खासा प्रभाव है. मात्र उनके संसदीय क्षेत्र में ही विधानसभा की 9 सीटें हैं.