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‘मालेगांव आरोपियों पर नरमी के लिए मोदी सरकार बना रही है दबाव’

साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि पिछले एक साल से "जब एनडीए सरकार सत्ता में आई है", उनके ऊपर काफी दबाव बनाया जा रहा हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दबाव है कि वे इस मामले में "नरम रवैया" अपनाएं. आपको बता दें साल 2008 में रमजान के महीने में हुए इस विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में हिंदू कट्टरपंथियों पर ब्लास्ट करने का आरोप है.

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  • June 25, 2015 6:09 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

मुंबई. साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि पिछले एक साल से “जब एनडीए सरकार सत्ता में आई है”, उनके ऊपर काफी दबाव बनाया जा रहा हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दबाव है कि वे इस मामले में “नरम रवैया” अपनाएं. आपको बता दें साल 2008 में रमजान के महीने में हुए इस विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में हिंदू कट्टरपंथियों पर ब्लास्ट करने का आरोप है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए  इंटरव्यू में रोहिणी ने कहा कि पिछले साल से एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद एनआईए के एक अधिकारी का फोन आया कि इस मामले में आरोपी हिन्दू कट्टरपंथियों को लेकर कुछ बात करनी है. उन्होंने कहा कि “वह फोन पर बात नहीं करना चाहतीं.” इसके बाद वह अधिकारी मेरे पास आया और उसने कहा कि आपके लिए एक मैसेज है कि मुझे “सॉफ्ट” हो जाना चाहिए.
 
बताया कि इस महीने तो यह मामला और बढ़ गया. 12 जून को मामले की सुनवाई से ठीक पहले उसी अधिकारी ने मुझे कहा कि, ‘मुखिया’ चाहते कि मेरे जगह कोई और वकील कोर्ट में आएगा. रोहिणी  सालियान जानी मानी वकील हैं और इससे पहले वह बोरिवली डबल मर्डर, भरत शाह मामला और मुलुंड ब्लास्ट जैसे केस की वकालत कर चुकी हैं.

 

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