लखनऊ : यूपी सीएम अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल जब्त होने पर चुनाव आयोग से चक्र के सिंबल की मांग कर सकते हैं. सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है. यह भी कहा जा रहा है कि अगर पार्टी टूटती है तो अखिलेश महागठबंधन कर सकते हैं.
कांग्रेस के साथ ये पार्टियां हो सकती हैं शामिल
रिपोर्ट्स है कि समाजवादी पार्टी टूटने पर अखिलेश यादव महागठबंधन कर लड़ सकते हैं चुनाव. इस महागठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, आरएलडी, जेडीयू और आरजेडी को शामिल करने की प्लानिंग की जा रही है. खबर है कि अखिलेश ने महागठबंधन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है.
जनता दल का सिंबल था ‘चक्र’
आज रविवार को सपा के अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित अखिलेश यादव के समर्थक चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा जताने के लिए जाने वाले हैं. रामगोपाल यादव के साथ नरेश अग्रवाल भी चुनाव आयोग जाएंगे. कहा जा रहा है कि अगर साइकिल सिंबल जब्त हो जाता है तो अखिलेश ‘चक्र’ सिंबल के लिए अर्जी दे सकते हैं.
मुलायम ने सोमवार को साइकिल पर ठोका था दावा
सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने साइकिल पर चुनाव आयुक्त के सामने दावा पेश किया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी में चल रही घटनाओं की सारी जानकारी भी दी थी और अखिलेश के खेमे की गतिविधियों को पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया था. मुलायम ने चुनाव आयोग में अखिलेश और रामगोपाल के पार्टी से निष्कासन की जानकारी भी दी.
बता दें कि बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिसके बाद से ही अखिलेश और मुलायम के गुटों के बीच चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताया जा रहा है.
एक जनवरी को सपा के अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक. वहीं अखिलेश यादव में सपा में चल रही उथल-पुथल की जड़ अमर सिंह को मानते हुए पार्टी से निकाल दिया था और शिवपाल को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.
जिसके बाद मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि रविवार को रामगोपाल की ओर से बुलाए गया अधिवेशन को पूरी तरह से असंवैधानिक था, मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, साथ ही अधिवेशन में शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया.